भारतीय संविधान (Indian Constitution)

संविधान निर्माण

संविधान निर्माण के लिए केबिनेट मिशन प्लान(1946) के अंतर्गत भारत के लिए संविधान सभा के गठन का प्रस्ताव रखा गया।

9 दिसंबर 1946 को संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में संविधान सभा का पहला अधिवेशन हुआ।

डॉ सच्चिदानंद सर्वसम्मति से अस्थाई अध्यक्ष चुना गया।

11 दिसंबर 1946 की बैठक में डॉ राजेंद्र प्रसाद को संविधान सभा का स्थाई अध्यक्ष चुना गया।

संविधान को बनाने के लिए अनेक समितियों में प्रमुख डॉ. भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता में बनी 7 सदस्यों वाली प्रारूप समिति थी।

संविधान को बनने में 2 वर्ष 11 महीने और 18 दिन का समय लगा।

संविधान सभा की अंतिम बैठक 24 जनवरी 1950 को हुई और उसी दिन संविधान सभा द्वारा डॉ. राजेंद्र प्रसाद को भारत का राष्ट्रपति चुना गया।

नवनिर्मित संविधान में 395 अनुच्छेद, 22 भाग तथा 8 अनुसूचियां थी।

वर्तमान में भारतीय संविधान में 444 अनुच्छेद 22 भाग तथा 12 अनुसूचियां है।

संविधान की प्रस्तावना

भारतीय संविधान के निर्माण में प्रस्तावना संविधान के उद्देश्यों व आदर्शों की रूपरेखा प्रस्तुत करती है।

संविधान की प्रस्तावना में समाजवादी धर्मनिरपेक्ष तथा अखंडता शब्द 42वें संविधान के द्वारा 1976 में जोड़े गए थे।

“संविधान की कुंजी” संविधान की प्रस्तावना को कहा जाता है।

भारतीय संविधान के स्त्रोत

अमेरिका:  मौलिक अधिकार,राष्ट्रपति,उपराष्ट्रपति,उच्चतम एवं उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को हटाने की विधि एवं वित्तीय आपातकाल न्यायपालिका की स्वतंत्रता।

ब्रिटेन: संसदीय प्रणाली,एकल नागरिकता, द्वि-सदनीय व्यवस्था।

जर्मनी: आपातकालीन प्रावधान।

कनाडा: संघात्मक व्यवस्था, अवशिष्ट, शक्तियों का केंद्र के पास होना।

सोवियत संघ: मौलिक, कर्तव्य, पंचवर्षीय योजना।

ऑस्ट्रेलिया: समवर्ती सूची, प्रस्तावना की भाषा, व्यापार से संबंधित की प्रक्रिया।

दक्षिण अफ्रीका: संविधान संशोधन की प्रक्रिया।

जापान:  कानून द्वारा स्थापित शब्दावली।

भारतीय संविधान की अनुसूचियां

भारत की संविधान की अनुसूचियां भारतीय संविधान के निर्माण में इस प्रकार है:-

भारतीय संविधान में मूलतः 8 अनुसूचियां थी लेकिन वर्तमान में 12 अनुसूचियां हैं जिनका उल्लेख निम्नलिखित है:-

पहली अनुसूची:  इसमें भारतीय संघ के घटक राज्यों और संघीय क्षेत्रों का उल्लेख है।

दूसरी अनुसूची:  इसमें भारतीय राज व्यवस्था के विभिन्न पदाधिकारियों को प्राप्त होने वाले वेतन, भत्ते और पेंशन आदि का उल्लेख है।

तीसरी अनुसूची: विभिन्न पदाधिकारियों द्वारा पद ग्रहण के समय ली जाने वाली शपथ का उल्लेख है।

चौथी अनुसूची:  राज्यों का संगीत क्षेत्रों का राज्यसभा में प्रतिनिधित्व का विवरण दिया गया है।

पांचवी अनुसूची:  इसमें विभिन्न अनुसूचित जातियों और जनजातियों के प्रशासन का उल्लेख है।

छठी अनुसूची: इसमें असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम के जनजातीय क्षेत्रों के बारे में प्रावधान है।

सातवीं अनुसूची:  इसमें संघ सूची, राज्य सूची, और समवर्ती सूची के विषयों का उल्लेख है।

आठवीं अनुसूची:  इसमें भारत की 22 भाषाओं का उल्लेख है।

नौवीं  अनुसूची:  इसके अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा संपत्ति के अधिग्रहण की विधियों का उल्लेख है।

दसवीं अनुसूची:  इसमें दल व दल से संबंधित प्रावधानों का उल्लेख है।

ग्यारहवीं अनुसूची:  इस अनुसूची के आधार पर “पंचायती राज व्यवस्था” को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया गया है।

बारहवीं अनुसूची:  इसमें शहरी क्षेत्र की स्थानीय स्वशासन संस्थाओं का उल्लेख कर उन्हें संवैधानिक दर्जा प्रदान किया गया है।

 

संविधान सभा (Constituent Assembly)

 

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