हिमाचल प्रदेश का इतिहास (HISTORY OF HIMACHAL PRADESH)

परिचय: ग्रीक शब्द “हिस्टोरिआ “

हिमाचल प्रदेश  का इतिहास  : अंधकार में खोना

क्यों (WHY)  :  अंधकार  में क्यों खो गया

(1) सटीक स्रोत सामग्री की कमी

(2)आज हम जिस राज्य को देखते हैं, वह अस्तित्व में नहीं था

(3) स्थानीय राजा जैसे (राजा, राना, ठाकुर ) लड़ाई   के निर्णय के आधार पर वितरण

(4) प्राकृतिक आपदाएं , कला विचलन

हिमाचल प्रदेश के इतिहास के स्रोत

पुरातात्विक स्रोत और साहित्यिक स्रोत

पुरातात्विक स्रोत: जैसे पत्थर ,औजार,सिक्के,स्मारक,मूर्तियांऔर शिलालेख

साहित्यिक स्रोत: संस्कृत शब्दों, यूनानी शब्दों,चीनी यात्री और वंशावली

पत्थर के शिलालेख :

चंबा में सर्वाधिक 36 शिलालेख मिले

जो शारदा और टंकरी भाषा में लिखा गया था और हम इसे देखने के लिए भूरी सिंह संग्रहालय में जा सकते हैं

सिक्के:

मुद्राशास्त्र हिमाचल प्रदेश के इतिहास को खोजने की एकमात्र आशा थी

भूरी सिंह संग्रहालय (चंबा)

हिमाचल स्टेट म्यूजियम(1973-74)

दोनों संग्रहालयों में सिक्कों का संग्रह है

इंडो ग्रीक सिक्के(LACHORIलचोरी )and सरोल (SAROL)  चंबा में है

शिलालेख

तांबे की प्लेटें(भूरी सिंह संग्रहालय चंबा) पठयार  और कनिहारा (काँगड़ा)

निरमण्ड प्लेट(7TH CENTURY A.D)

साहित्यिक स्रोत:(LITERARY SOURCES)

फ़ारसी  स्रोत (PERSIAN SOURCES)  तुर्की इतिहासकार   (TURKISH HISTORIAN (1020A.D)

(a) TARIKH-I -YAMINI(1020A.D)

(b) HABIBUS-SIYAR(1523A.D)

(c) TARIKH-I-FARISTHA OR GULSHAN-I-IBRAHIM

(d) TARIKH-I-FEROZ-SHAHI

(d) TUZUK -JAHANGIRI

(e) AIN-I-AKBARI

संस्कृत साहित्य  (SANSKRIT LITERATURE)

रिग वेद: हिमालय के विभिन्न जनजाति (1800 B.C)

पुराण, ब्राह्मणी, रामायण, महाभारत

पाणिनि :अष्टाध्याई

कालिदास: रघुवंशम

कल्हण: राजतरंगिणी

खालसा साहित्य (KHALSA LITERATURE)

आधुनिक  हिमाचल प्रदेश (16TH TO 19TH CENTURY)

सिख  गुरुओं के हिमालय दर्शन

(a) आदि ग्रंथ

(b) विचित्र नाटक

(c) दबिस्तान -ए-  मज़ाहिब

यात्रा दैनिकी

ह्युएन त्सांग  (HIUEN-TSANG)(चीनी  यात्री)  (630 A.D TO 648A.D)

महामहिम कांगड़ा में रहते थे और चार महीने के लिए उतितो के (UTITO)अतिथि भी थे

यूरोपीय यात्री : विलियम फिंच (WILLIAM FINCH), थॉमस क्र्याट(THOMAS CORYATT ,फॉस्टर(FOSTER), मूरक्राफ्ट(MOORCRAFT).

वंशावली (GENELOGICAL ROLLS)

वंशावली  परोत/राजगुरु द्वारा दी गई

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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