Azad Hind Fauj

Netaji Subhash Chandra Bose is also known for establishing the Azad Hind Fauj. Born in Odisha’s Cuttack on January 23, 1897. His father’s name is Janakinath Bose. Netaji Subhash Chandra Bose went on to play a key role in the freedom movement.

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आजाद हिंद फौज (Azad Hind Fauj)

इसकी स्थापना सुभाष चंद्र बोस ने सिंगापुर में की थी।

इसमें उनकी सहायता रास बिहारी बोस ने की थी।

नेताजी सुभाष चंद्र बोस के सिंगापुर पहुंचने से पहले जनरल मोहन सिंह सेना बनाने का कुछ काम कर चुके थे।

उन्होंने साम्राज्यवादी ब्रिटिश सेना में सेवा करने के स्थान पर जापानी सेना की सहायता से अंग्रेजों को भारत से बाहर निकालने का निश्चय किया।

जनरल मोहन सिंह ब्रिटिश भारत की सेना में कप्तान थे।

मोहन सिंह को जब जापानी सेना ने भारतीय युद्ध बंदियों को सौंपना प्रारंभ किया तो वे उन्हें आजाद हिंद फौज में भर्ती करने लगे।

मोहन सिंह को 45000 युद्ध बंदी प्राप्त हुए।

1942 के अंत तक इनमें से 40000 लोग आजाद हिंद फौज में शामिल होने को राजी हो गएv

दक्षिण पूर्व एशिया में रहने वाले भारतीय तथा मलाया, सिंगापुर, और वर्मा में जापानी सेना द्वारा बंदी बनाए गए भारतीय सैनिक और अधिकारी बड़ी संख्या में आजाद हिंद फौज में भर्ती हो गए।

Azad Hind Fauj

सुभाष चंद्र बोस ने अपने अनुयायियों को “जय हिंद” का मूल मंत्र दिया।

“1 सितंबर 1942” को 16000 सैनिक को लेकर फौज की पहली डिवीज़न का गठन किया गया।

“2 जुलाई 1943” को सुभाष चंद्र बोस के सिंगापुर पहुंचने पर आजाद हिंद फौज का द्वितीय चरण शुरू हुआ।

“21 अक्टूबर 1943” में सुभाष चंद्र बोस ने सिंगापुर में अस्थाई भारतीय सरकार का गठन किया।

सिंगापुर के अलावा “रंगून” में भी इसका मुख्यालय बनाया गया था।

स्री सैनिकों का एक दल बनाया गया जिसे “रानी झांसी रेजिमेंट” का नाम दिया गया।

शाह नवाज के नेतृत्व में आजाद हिंद फौज की एक बटालियन जापानी फौज के साथ भारत-वर्मा सीमा पर हमले में भाग लेने के लिए इंफाल भेज दी गई।

12 नवंबर 1945 को “आजाद हिंद फौज दिवस” मनाया गया।

Azad Hind Fauj in English version

साइमन कमीशन

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