Indus Valley Civilizations

Indus Valley Civilizations

सिंधु घाटी सभ्यता

Indus Valley Civilizations

Harappan Civilization
सिंधु घाटी सभ्यता (IVC) दक्षिण एशिया के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों में कांस्य युग की सभ्यता थी।जो 3300 BCE से 1300 BCE तक थी, और इसके परिपक्व रूप में 2600 BCE से 1900 BCE तक थी।

खोज:


  • सिंधु घाटी सभ्यता को हड़प्पा सभ्यता भी कहा जाता है। सिंधु घाटी सभ्यता 2500 ईसा पूर्व से 1750 ईसा पूर्व में विकसित हुई।
  • डी. पी अग्रवाल के द्वारा बताई गई तिथि (2300 ईसा पूर्व से 1750 ई. पू.)  को ही हड़प्पा संस्कृति के लिए उन्मूलन अंकित किया गया था
  • सिंधु घाटी सभ्यता की खुदाई जॉन मार्शल के नेतृत्व में की गई।
  • हड़प्पा सभ्यता की खोज 1921 ई. में हुई थी हड़प्पा सभ्यता ‘रावी नदी’ के किनारे बसी हुई सभ्यता थी
  • सिंधु घाटी सभ्यता का ज्ञान पुरातात्विक उत्खनन से मिलता है
  • सिंधु घाटी सभ्यता की पहचान शहर योजना प्रणाली की है

1921 ई. में ‘दयाराम साहनी’ के नेतृत्व में खोजा गया सबसे पहला स्थान ‘हड़प्पा'(वर्तमान में यह पाकिस्तान के क्षेत्र में) है

उद्भव:


विदेशी मत- 

विदेशी मत जैसे कि मार्शल, हवीलर,गार्डन चाइल्ड, डी.डी कोसांबी के अनुसार इस सभ्यता का निर्माण सुमेरियन सभ्यता के लोगों ने किया

स्थानीय मत-

राखल दास बनर्जी के अनुसार सिंधु घाटी सभ्यता के लोग द्रविड़ जाति के लोग थे। 

टी. एन रामचंद्र और लक्ष्मण स्वरूप, के अनूसर सिंधु घाटी सभ्यता के लोग आर्यन थे। 

Indus Valley Civilizations

Specialization Of Indus Valley Civilizations

विशेषताएं:

(01) सिंधु घाटी सभ्यता में चित्रात्मक लिपि प्रचलित थी, यह लिपि ‘दाई से बाई’ ओर लिखी जाती थी और इसे अभी तक पढ़ा नहीं जा सका है, इसलिए यह “आधऐतिहासिक” सभ्यता है
(02) हड़प्पा कालीन लोगों ने नगरों तथा घरों के विन्यास के लिए  ग्रिड पद्धति अपनाई थी, हड़प्पा सभ्यता के निवासी शहरी थे

(03) सिंधु घाटी के लोगों की एक महत्वपूर्ण रचना नृत्य करती हुई बालिका की मूर्ति थी

 (04) सिंधु अर्थव्यवस्था की मुख्य ताकत कृषि थी, सिंधु घाटी के लोगों ने ही सर्वप्रथम कपास की खेती करी थी।

(05) हड़प्पा सभ्यता के धोलावीरा स्थल (गुजरात) से एक उन्नत जल प्रबंधन प्रणाली का पता चला है, जल निकासी के लिए नालियों (लकड़ी की नालियां) का व्यवस्थित प्रबंध था

(06) सिंधु सभ्यता के लोग मात्री शक्ति में विश्वास करते थे, खुदाई में मिट्टी की अधिक मूर्तियां प्राप्त होने में ऐसा अनुमान लगाया जा सकता है

(07) इस सिंधु घाटी सभ्यता के लोगों की मुद्रा में पशुपति देवता (आद्य शिव) की आकृति चित्रित थी

(08) सिंधु घाटी सभ्यता के शहरों की गलियां चौड़ी और सीधी थी, यहां की सड़कें पूरब से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण की ओर जाती हुई एक दूसरे को समकोण पर काटती थी

(09) चन्हूदडो सिंधु कालीन स्थल से एक ईंट पर बिल्ली का पीछा करते हुए कुत्ते के पंजों के निशान मिले हैं

(10) चन्हूदडो के उत्खनन का निर्देशन j.h. मैके ने किया था, मनके बनाने का कारखाना,महिलाओं द्वारा प्रयोग में लाए जाने वाले सौंदर्य प्रसाधन के अवशेष प्राप्त हुए हैं

 Specialization Of Indus Valley Civilizations

(11) सेंधव सभ्यता की ईंटों का अलकरण कालीबंगा स्थान से मिला है

(12) हड़प्पा कालीन लोगों को गेहूं, कुम्हारों की चाक, आग आदि की जानकारी थी, पर लोहे की जानकारी नहीं थी

(13) लोथल स्थान(गुजरात के अहमदाबाद जिले, भोगवा नदी के किनारे) से युगल शवाधान/द्विशब संस्कार(Double Burial) का प्रमाण मिला है

(14) लोथल हड़प्पा कालीन स्थल से प्राप्त जार पर चोंच में मछली दबाए चिड़िया एवं पेड़ के नीचे खड़ी लोमड़ी का चित्रांकन मिलता है जो पंचतंत्र के लोमड़ी की कहानी के सदृश्य हैं

(15) हड़प्पा कालीन सभ्यता का विशाल कोठार (अनाज संग्रह करने का स्थान) और विशाल स्नानागार मोहनजोदड़ो पर मिला है

(16) मोहनजोदड़ो का स्थानीय नाम ‘मृतकों के टीला’ है

(17) मोहनजोदड़ो नामक स्थान पर सिंधु घाटी सभ्यता की विकसित अवस्था में घरों में कुओं के अवशेष मिले हैं

Indus Valley Civilizations

विशेषताएं

(18) मोहनजोदड़ो पाकिस्तान के सिंध प्रांत में स्थित है,सिंधु सभ्यता के सर्वाधिक पूर्वी पूरास्थल आलमगीरपुर(उत्तर प्रदेश) था

(19) सिंधु घाटी की सभ्यता में घोड़े (घोड़े की हड्डी, कलश शवाधान, तराजू) के अवशेष सुरकोटदा (गुजरात के कच्छ जिले) में मिले हैं

(20) ‘अमरी’ नामक स्थान हड़प्पा सभ्यता का एक स्थल है, यह पाकिस्तान के सिंध प्रांत में स्थित है

(21) सिंधु घाटी में घोड़ा, हाथी, गैंडा, पशुओं के अवशेष प्राप्त हुए हैं, पर इस सभ्यता में शेर का अवशेष प्राप्त नहीं हुए हैं

(22) सिंधु सभ्यता के घर ईटों (ईटों का अनुपात 4:2:1) के बनाए जाते थे, हड़प्पा के काल का तांबे का रथ- दइमाबाद स्थान से प्राप्त हुआ है

(23) हरियाणा के हिसार जिले के बणावली स्थान से पक्की मिट्टी के बने हल (खिलौना) का एक प्रतिरूप प्राप्त हुआ है

(24) हड़प्पा की मिट्टी के बर्तनों पर सामान्यता लाल रंग का उपयोग हुआ था, हड़प्पा में कब्रिस्तान/दफनाने की प्रथा का पता चलता है

(25) भारत में स्वतंत्रता के बाद सबसे अधिक संख्या में हड़प्पा युगीन स्थलों की खोज गुजरात राज्य में हुई है

विशेषताएं

(26) अफगानिस्तान में सिंधु घाटी सभ्यता के दो स्थल मिले हैं शोरतुग़​ई और मुंडिगक

(27) सिंधु घाटी सभ्यता की मोहनजोदड़ो और हड़प्पा (पाकिस्तान) दो प्रमुख राजधानियां मानी गई है

(28) सबसे उत्तरी स्थल सिंधु घाटी सभ्यता का मांदा जम्मू कश्मीर में है

(29) सिंधु घाटी सभ्यता में प्राप्त सभी नगरों में सबसे बड़ा नगर “मोहनजोदड़ो” है

(30) मोहनजोदड़ो में मृतकों को जलाने की प्रथा प्रचलित थी।

(31) सिंधु घाटी सभ्यता का स्थल कालीबंगा (हनुमानगढ़,राजस्थान) की खोज की लाल एवं थापर ने की,काली रंग की चूड़ियां, जूते हुए खेत के साक्ष्य,अग्नि के हवन कुंड, भूकंप के प्रमाण मिले हैं

(32) लोथल नामक स्थान पर चावल, अग्निकुंड,हाथी दांत, 3 युगल समाधिया, मिट्टी की बनी घोड़े की मूर्ति के प्रमाण मिले हैं

(33) सिंधु घाटी सभ्यता का सबसे दक्षिणी स्थल दइमाबाद (महाराष्ट्र)  है

(34) सिंधु घाटी सभ्यता का लोथल स्थल (गुजरात) एक बंदरगाह (गोदीवाड़ा) था

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(35) धौलावीरा (गुजरात) स्थल सिंधु घाटी सभ्यता का एकमात्र ऐसा स्थल था जो 03 भागों में विभाजित था

(36) सिंधु घाटी सभ्यता का राखीगढ़ी (हरियाणा) स्थल  की खोज सूरजभान ने की

(38) तांबे की कुल्हाड़ी रोपड़ (सतलुज नदी के किनारे,पंजाब) में मिली है

(39) रंगपुर(अहमदाबाद) में धान की भूसी, ज्वार, बाजरा के प्रमाण मिले हैं

सभ्यता का पतन

 सिंधु सभ्यता का पतन पर अलग-अलग विद्वानों का अलग-अलग मत है:-

मैके और जॉन मार्शल के अनुसार इस सभ्यता का पतन बाढ़ के कारण हुआ था

हवीलर, गार्डन चाइल्ड के अनुसार इस सभ्यता का पतन विदेशी आक्रमण के कारण हुआ था 

फेयर सर्विस के अनुसार इस सभ्यता का पतन पारिस्थितिकी असंतुलन के कारण हुआ था 

The Prehistoric-Period

 

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