Types Of Mountains

5 Types Of Mountains

पर्वत या पहाड़ पृथ्वी पर प्राकृतिक रूप से ऊंचा उठा हुआ हिस्सा होता है. ये ज्यादातर आकस्मिक तरीके से उभरा होता है।

पर्वत ज्यादातर एक लगातार समूह में होते है

उनकी ऊंचाई 600 मीटर से अधिक होती है पृथ्वी के 27% भाग पर पर्वतों का विस्तार है।

ऊंचाई के आधार पर पर्वतों का वर्गीकरण (Types Of Mountains)

इसके आधार पर 4 भागों में वर्गीकृत किया गया है:

पर्वत
ऊंचाई के आधार पर पर्वतों का वर्गीकरण

Types Of Mountains

उत्पत्ति के आधार पर पर्वतों के प्रकार

उत्पत्ति के आधार पर पर्वत मुख्यतः चार प्रकार के होते हैं।

वालित या मोड़दार पर्वत:

  • इनको विश्व के सबसे ऊंचे तथा सबसे विस्तृत पर्वत माना जाता हैं।
  • पृथ्वी की विवर्तनिक शक्तियों के कारण चट्टानों के स्तर में व्यापक मोड़ या वलन का विकास होने से यह  30 मिलियन वर्ष पूर्व बने हैं।
वालित या मोड़दार पर्वत

भारत का अरावली पर्वत विश्व के सबसे पुराने वलित पर्वतों में गिना जाता है इसकी सबसे ऊंची चोटी माउंट आबू के निकट गुरुशिखर है, जिसकी समुद्रतल से ऊंचाई 1722 मीटर है।

विवर्तनिक शक्तियाँ

Types Of Mountains
विवर्तनिक शक्तियाँ

 

ब्लॉक पर्वत:

  • धरातलीय भागों में दरारें या भरंश पड़ने पर धरातल का कुछ भाग ऊपर उठ जाता है व कुछ नीचे धंस जाता है। तो उनके उठे भाग को “ब्लॉक पर्वत” कहते हैं और बीच के धंसे भाग को “रिफ्ट घाटी” कहते हैं।
  • इस श्रेणी के पर्वतों का शीर्ष समतल होता है

उदाहरण:

सियरा नेवादा
सियरा नेवादा

(02) वासजेस (Vosges) (फ्रांस) तथा ब्लैक फॉरेस्ट (जर्मनी) विंध्याचल व सतपुड़ा (भारत)

 

जर्मनी का हार्ज पर्वत
जर्मनी का हार्ज पर्वत

 

दो दरारों के बीच वाले भूभाग के नीचे दब जाने से भ्रंश घाटी का निर्माण होता है

जॉर्डन की प्रसिद्ध भ्रंश घाटी समुद्र तल से भी नीची है। मृत सागर नामक झील इसी भ्रंश घाटी में स्थित है ।

उदाहरण:

  • राइन  नदी की घाटी (यूरोप)
  • भारत की नर्मदा नदी
  • अफ्रीका की सबसे बड़ी भ्रंश घाटी
  • पाकिस्तान का सॉल्ट रेंज

ज्वालामुखी पर्वत:

इसका निर्माण ज्वालामुखी के उद्गार से निकले मिट्टी, लावा, आदि पदार्थों के जमाव से होता है इसकी आकृति शंकुनुमा होती है। इसके सबसे ऊपरी भाग में कीपनुमा गड्ढा होता है जो क्रेटर कहलाता है।

उदाहरण- माउंट फ्यूजीयामा (जापान), विसुवियस (इटली), चिंबोराजो एवं कोटोपैक्सी (एंडीज, दक्षिण अमेरिका), अकांकागुआ (चिल्ली) मोनालोआ पर्वत (हवाईद्वीप), पोपा (म्यांमार)

अवशिष्ट पर्वत:

जब किसी प्रक्रम (नदी, तुषार, वायु आदि कारकों) द्वारा अपरदन या अनाच्छादन के कारण पर्वत का अपरदन हो जाता है। तथा पर्वत अपना प्रारंभिक रूप खो देते हैं, तो उन्हें अवशिष्ट पर्वत (Residual Mountains ) कहते हैं।

उदाहरण: विंध्याचल, अरावली, सतपुड़ा, नीलगिरी पूर्वी घाट, पश्चिमी घाट (भारत), हाईलैंडस (स्कॉटलैंड), कैटस्किल (न्यूयॉर्क), सीयरा (स्पेन), अप्लेशियन (अमेरिका)।

आयु के आधार पर पर्वतों के प्रकार (Types Of Mountains)

4 भागों में वर्गीकृत किया गया है:

(01) पूर्व कैम्ब्रियन कैंब्रियन पर्वत:

लगभग 3 करोड वर्ष से पहले हुए महादीपीय विभाजन से पहले के पर्वत प्राचीनतम पर्वतों में आते हैं

उदाहरण

  • पेनाइन (यूरोप)
  • अप्लेशियन (अमेरिका)
  • अरावली (भारत) आदि।

(02) कैलीडोनियन पर्वत:

ये पर्वत पैलियोजोइक महाकल्प के विभिन्न युगों में बने थे

उदाहरण

  • स्कॉटलैंड व उत्तरी  आयरलैंड के पर्वत
  • भारत के महादेव
  • विध्यांचल पर्वत आदि।

(03) हरसीनियन पर्वत:

इनका निर्माण लगभग 22 करोड़ वर्ष पूर्व  पैलियोजोइक कल्प के पर्मियन युग में हुआ।

उदाहरण:

  • ब्रिटेन के पर्वत
  • फ्रांस का ब्रिटेनी पर्वत,
  • वास्जेस, ब्लेक फॉरेस्ट
  • अप्लेशियन आदि।

(04) अल्पाइन पर्वत:

इन पर्वतों का निर्माण आज से लगभग 3 करोड़ वर्ष पूर्व हुआ था. इस श्रेणी में अधिकांश नवीन वलित पर्वत आते हैं

उदाहरण:

(01) हिमालय

(02) आल्प्स

(03) रॉकीज

(04) एण्डीज

(05)पेरेनीज

 

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