हिमाचल प्रदेश के इतिहास :
हिमाचल प्रदेश के इतिहास के विभाजन को हम तीन भागों में बांट सकते हैं, जो मुख्य प्रकार है :
(1) जालंधर क्षेत्र
(2) शिमला पहाड़ी राज्य
(3) जम्मू क्षेत्र (हिन्दू राज्य और मुस्लिम राज्य )
नामपद्धति और पद (पहाड़ी राज्यों मे)
कुल के नाम और पद कुछ इस प्रकार होते थे।
कुलों के नाम: नाम के उप विभाजन (कुलनाम और अल )
जैसे की (जम्बाल -ल्स , चम्ब्याल -ल्स ) इस राज्य के सभी शासक ज्यादातर राजपूत थे।
जहांगीर को “मियाँ” कहते थे।
बड़े पुत्रो को युवराज, टिक्का,तथा राजकुमार कहते थे।
छोटे पुत्रो को दोतीआं(2), त्रिथें(3) ,चौताहिं(4) कहते थे।
हिमाचल प्रदेश के सबसे पुराना और मूल प्रवासि:
हिमाचल प्रदेश के पुराने व मूल निवासी इस प्रकार थे।
(1) कोली (शाम्बर राजा )
(2) मंगोल (भोट)
(3) आर्यन गोरखा ( कश्मीर से नेपाल ) इनकी भाषा संस्कृत थी जो आज की पहाड़ी भाषा है।
(4) म्लेच्छ (जंगली लोग)
(5) जनजातीय गणराज्यों (जनपद)
(6) इंडो आर्यन (यह हिंदू कुश (HINDKUSH) से आए थे। )
युद्ध:
(1)सांभर और देवदास का युद्ध 40 साल तक लड़ा गया था जिसमें आर्य जीते थे यह मैदानों और पहाड़ियों में बसे।
आर्यों के पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में बसने के बाद देश या क्षेत्र इस प्रकार थे :
(a) महाभारत (MAHABHARATA)
(b)जनपद (JANPADAS)
(c) औदम्बरा (AUDAMBARA)
(d) त्रिगर्त (TRIGARATA)
(e) कुल्लुत (KULLUTA)
(f) कुलिंद (KULINDS)
संत (SAGES) LATER VEDIC (पहाड़ी राज्यों में कुछ सन्यासी इस प्रकार थे-
पहाड़ी राज्यों में कुछ सन्यासी इस प्रकार थे:
(a) जनदगीनी (JANADAGNI)
(b) परशुराम (PARASHURAM)
(d) वशिस्ठ (VASHISHTHA)
(e) ब्यास (VYAS)
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