Home Rule League Movement Started by Bal Gangadhar Tilak and Annie Besant in 1916.
होमरूल लीग आंदोलन (Home Rule League Movement BY Bal Gangadhar Tilak)
1915 ई. में बाल गंगाधर तिलक ने स्वराज्य की मांग को पुनः सरकार के सम्मुख रखा-
उन्होंने कहा, “सवराज्य हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है और हम इसे किसी भी तरह प्राप्त करेंगे”
1915 में नरम दल और गरम दल दोनों एक साथ हो गए।
इंग्लैंड ने टर्की पर आक्रमण कर दिया इससे मुसलमान भी अंग्रजों के विरुद्ध हो गए।
अतः 1916 ई. के लखनऊ पैक्ट के अनुसार कांग्रेस तथा मुस्लिम लीग ने मिलकर सरकार का विरोध करने का निर्णय लिया।
कांग्रेस के दोनों दल और मुस्लिम लीग ने साथ मिलकर भारत के लिए “होमरूल” की मांग की।
भारत में सबसे पहले होमरूल की स्थापना बाल गंगाधर 28 अप्रैल 1916 में “बालगंगाधर तिलक” ने बेलगांव (पूना) में की।
जोसेफ बेफिटिस्टा इसके अध्यक्ष थे।
बालगंगाधर तिलक ने “मराठा” तथा “केसरी” समाचार पत्रों का संपादन किया।
Home Rule League Movement BY Annie Besant
एनी बेसेंट ने सितम्बर 1916 में “अखिल भारतीय होमरूल” का गठन मद्रास में किया।
जॉर्ज अरुण्डेल इसके सचिव थे
इसमें उनके सहयोगी:
वी.पी वाडिया तथा सी.पी रामस्वामी अय्यर शामिल थे।
लीग की सबसे ज्यादा शाखाएं मद्रास में थी।
लीग की सबसे ज्यादा सक्रियता सर्वाधिक बम्बई, उत्तर प्रदेश के कुल हिस्से तथा गुजरात के ग्रामीण क्षेत्रो में थी।
“सर्वेंट ऑफ़ इंडिया सोसाइटी” जिसकी स्थापना 1905 में गोपाल कृष्ण गोखलें ने की थी उसके सदस्यों को लीग में प्रवेश की अनुमति नहीं थी।
एनी बेसेंट ने “कॉमनवील” तथा “न्यू इंडिया” समाचार पत्र के माध्यम से होमरूल लीग के विचारों का प्रसार किया।