Horticultural crops-
Main Horticultural crops of india.
बागवानी फसलें-
भारत का विश्व में फलों में पहला और सब्जियों के उत्पादन में दूसरा स्थान है।
भारत उष्ण और शीतोष्ण कटिबंधीय दोनों ही प्रकार के फलों का उत्पादक है।
भारत के प्रसिद्ध स्थानों के प्रसिद्ध फल
- भारतीय फलों जिनमें महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिमी बंगाल के आम।
- नागपुर और चेरापूंजी (मेघालय )के संतरे।
- केरल, मिजोरम, महाराष्ट्र, और तामिलनाडु के केले।
- उत्तर प्रदेश और बिहार की लीची।
- मेघालय के अनानास।
- आंध्र प्रदेश, तेलगाना और महाराष्ट्र के अंगूर।
- हिमाचल प्रदेश और जम्मू व् कश्मीर के सेब, नासपाती,खुमानी, अखरोट विशवभर में प्रसिद्ध है।
- भारत ने 90.2 मिलियन मीट्रिक टन फलों का उत्पादन करता है।
- फल की खेती के तहत 6.3 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र है।
- सब्जी की खेती के तहत 10.1 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र है।
- भारत अदरक और भिंडी का सबसे बड़ा उत्पादक है और उत्तर प्रदेश, आलू, महाराष्ट्र, फूलगोभी, बैगन, गोभी, आदि में आलू के उत्पादन में दूसरा स्थान रखता है।
भारत में फलों का उत्पादन: केले का उत्पादन: 25.7% पपीते का उत्पादन: 43.6% आम और अमरूद: 40.4%
भारत में फलों और सब्जियों का निर्यात 9410.81 करोड़ रुपये का होता है
फल: 4,2290,03 करोड़ सब्जी: 5101.78 करोड़
- भारत विश्व की लगभग 13% सब्जियों का उत्पादन करता है।
- भारत की मटर, फूलगोभी, प्याज, बंदगोभी, टमाटर, बैंगन, और आलू उत्पादन में प्रमुख स्थान है।
Horticultural crops-
अखाद्य फसलें (Inedible crops)
1)रबड़ 2)रेशेदार फसलें 3) कपास 4)जूट
रबड़-
- रबड़ भूमध्यरेखीय क्षेत्र की फसल है परन्तु विशेष परिस्थितियों में उष्ण और उपोसण क्षेत्रों में भी उगाई जाती है।
- केरल रबर का सबसे बड़ा उत्पादक है।
- इसको उगाने के लिए 25 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान वाली नम और आर्द्र जलवायु की आवश्यकता होती है।
- रबड़ एक महतवपूर्ण कच्चा माल है जो उद्योगों में प्रयुक्त होता है।
- मुख्य रूप से केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, अंडमान निकोबार द्वीप समूह और मेघालय में गारो पहाड़ियों में उगाया जाता है।
- प्राकृतिक रबड़ उत्पादन में भारत का विश्व में तीसरा स्थान था।
रशेदार फसलें-
- कपास , जूट, सन और प्राकृतिक रेशम भारत में उगाई जाने वाली चार मुख्य फसलें है।
- इनमे से कपास, जूट, सन मिट्टी में फसल उगाने से प्राप्त होती है।
- प्राकृतिक रेशम, रेशम के कीड़े के कोकून से प्राप्त होता है जो मलबरी पेड़ की हरी पत्तियों पर चलता है।
- रेशम उत्पादन के लिए रेशम के कीड़ों का पालन ‘रेशम उत्पादन ‘ कहलाता है।
कपास-
भारत को कपास के पौधे का मूल स्थान माना जाता है, सूती कपडा उद्योग में कपास एक मुख्य कच्चा माल है।
2018 में भारत का कपास उत्पादन में पहला स्थान था (6,205 मीट्रिक टन), चीन का दूसरा और संयुक्त राष्ट्र अमेरिका का तीसरा स्थान था ।
- दक्कन पठार के शुष्कतर भागों में काली मिट्टी कपास के उत्पादन के लिए उपयुक्त मानी जाती है।
- इसको उगाने के लिए उच्च तापमान, हल्की वर्षा या सिंचाई, 210 पाला रहित दिन और खिली धूप की आवश्यकता होती है।
- यह एक खरीफ की फसल है।
- इसे पककर त्यार होने में 6 से 8 महीने लगते है।
- मुख्य उत्पादक राज्य : महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, कर्नाटका, आन्ध्र प्रदेश, तेलगांना, तमिलनाडु, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश।
जूट-
जूट को सुनेहरा रेशा कहा जाता है जूट की फसल बाढ़ के मैदानों में जलनिकास वाली उर्वरक मिटटी में उगाई जाती है, जहां हर वर्ष बाढ़ में आई नयी मिटटी जमा होती रहती है।
- फसल के बढ़ने के समय उच्च तापमान की जरुरत होती है।
- मुख्य उत्पादक राज्य: पश्चिम बंगाल, बिहार, असम और ओडिशा तथा मेघालय।