कृषि(Agriculture)

(1) कृषि के प्रकार-

स्थानांतरण कृषि: 

उत्तरी पूर्वी राज्यों असम, मेघालय, मिजोरम और नागालैंड में इसे ‘झूम’ कहा जाता है, मणिपुर में पामलू छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले और अंडमान निकोबार दीप समूह में से दीपा कहा जाता है।

झूम: ‘कर्तन दहन प्रणाली ‘

विदेशी देशो में स्थानांतरण कृषि के स्थानीय नाम:

मेक्सिको और मध्य अमेरिका में-मिल्पा

वेनेजुएला में-कोनुको

ब्राजील में-रोका

मध्य अफ्रीका में-मसोले

इंडोनेशिया में-लदांग

वियतनाम में-रे

भारत में प्रारंभिक किस्म की खेती अनेक नामों से जानी जाती है-

मध्य प्रदेश-बेवर या दहिया

आंध्र प्रदेश-पोडू अथवा पेड़ा

उड़ीसा-पामाडाबी या कोमान या बरिंगा

पश्चिम घाट-कुमारी

दक्षिण पूर्वी राजस्थान-वालरे या वाल्टेर

हिमालयन क्षेत्र-खिल

झारखंड-कुरुवा

उतर पूर्वी प्रदेशो में-झूम

(2) गहन जीविका कृषि

इस प्रकार की कृषि उन क्षेत्रों में पाई जाती है जहां भूमि पर जनसंख्या का दबाव अधिक होता है यह श्रम गहन खेती है जहां अधिक उत्पादन के लिए अधिक मात्रा में जैव रासायनिक निवेशों और सिंचाई का प्रयोग किया जाता है।

(3) वाणिज्यिक कृषि

इस प्रकार की कृषि के लक्षण आधुनिक निवेशों जैसे अधिक पैदावार देने वाले बीजों, रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के प्रयोग से कुछ पैदावार प्राप्त करना है।

(4) रोपण कृषि

एक प्रकार की वाणिज्यिक खेती है किस प्रकार की खेती में लंबे चौड़े क्षेत्र में फसल बोई जाती है।

रोपण कृषि, उद्योग और कृषि के बीच एक अन्तरापृष्ठ है

  • इस कृषि से प्रापत सारा उत्पादन उद्योग में कच्चे माल के रूप में प्रयोग होता है।
  • भारत में चाय, काफी, रबड़ , गना ,केला इत्यादि महत्वपूर्ण रोपण फसले है।
  • असम और उतरी बंगाल में चाय, कर्नाटक में कॉफी मुख्या रोपण फसलें है।

शस्य प्रारूप

भारत में तीन शस्य ऋतुएँ हैं

रबी

  • शीत ऋतु में अक्टूबर से दिसंबर के मध्य बोया जाता है और ग्रीष्म ऋतू में अप्रैल से जून के मध्य काटा जाता है।
  • मुख्य फसलें-गेहूं, जौ, मटर, चना और सरसों रबी फसलें है, ये देश के विस्तृत भाग में बोई जाती है – जैसे: पंजाब, हरयाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, उत्तराखंड और उतर प्रदेश 
  • शीत ऋतु में शीतोष्ण पश्चिमि विक्षोभों से होने वाली वर्षा इन फसलों के अधिक उत्पादन में सहायक होती है।

खरीफ

  • यह मानसून के आगमन के साथ बोई जाती है और सितम्बर-अक्टूबर में काट ली जाती है।
  • मुख्य फसलें-चावल, मक्का, ज्वार, बाजरा, तुर(अरहर ) मूंग, उड़द, कपास, जूट, मूंगफली और सोयाबीन शामिल है।
  • चावल की खेती मुख्यत असम, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, आंध्रप्रदेश, तेलगांना, तमिलनाडु, केरल और महाराष्ट्र विशेषकर कोंकण तटीय क्षेत्रों, उतर प्रदेश और बिहार में की जाती है।
  • असम, पश्चिम बंगाल, और ओडिशा धान की तीन फसले औस, अमन और बोरो बोई जाती है।

जायद

रबी और खरीफ के बीच ग्रीष्म ऋतू में बोई जाती है मुख्य फसलें –तरबूज ,खरबूजे, खीरे, सब्जियां और चारे की फसलों की खेती की जाती है।

 

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *