Muhammad Ali Jinnah consolidated Muslim viewpoints under fourteen items and these fourteen points became Jinnah Formula (1928)
जिन्ना फॉर्मूला (Jinnah Formula (1928))
नेहरू रिपोर्ट के समानांतर जिन्ना ने एक 14 सूत्री फार्मूला तैयार किया
1931 ई. में इमाम अली की अध्यक्षता में राष्ट्रवादी मुसलमानों ने एक सम्मेलन बुलाया यह सम्मेलन दिल्ली में बुलाया गया था
इसमें जिन्ना के 14 सूत्री कार्यक्रम के विरुद्ध भावी संविधान के विषय में कुछ बातें स्वीकार की गई परंतु इन शर्तों तथा जीना के 14 सूत्री मांगों में विशेष अंतर नहीं था
जिन्ना के 14 सूत्री कार्यक्रम की योजना के पश्चात मुस्लिम सांप्रदायिकता निरंतर उग्र रूप धारण करती गई
जिन्ना फॉर्मुले में पृथक निर्वाचक मंडल के स्थान पर केंद्रीय सदन में 1/3 स्थान तथा पंजाब और बंगाल में 50% आरक्षण मुसलमानों को देने की बात रखी गई
नेहरू रिपोर्ट में मुसलमानों को पृथक निर्वाचन मंडल देने से मना किया गया था
प्रथम गोलमेज सम्मेलन में लीग ने अपनी मांगों को दोहराया
द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में फिर से इन मांगों को दोहराया गया
“16 अगस्त 1932” ईस्वी के दिन “मैकडोनाल्ड” ने अपना निर्णय लिया जिसे “सांप्रदायिक निर्णय” कहा जाता है
“22 दिसम्बर 1939” का दिन जिन्ना ने “मुक्ति दिवस” के रूप में मनाने की घोषणा की
“सर सैयद अहमद खान” तथा प्रिंसिपल बैंक ने मुस्लिम लीग की स्थापना से पूर्व इस बात का प्रचार किया था कि भारत में 2 राष्ट्र हैं
“23 मार्च 1940” ई. को लीग के लाहौर अधिवेशन में जिन्ना ने इस सिद्धांत का समर्थन किया, और पाकिस्तान का अलग राज्य प्राप्त करना अपना उद्देश्य घोषित किया