भारत सरकार कानून(1919)-
1919 के भारत सरकार अधिनियम के इस कानून में प्रांतीय विधायी परिषदो का आकार बढ़ा दिया गया,
और निर्णय लिया गया उनके अधिकांश सदस्य जीतकर आएंगे।
शासन प्रणाली-
इस प्रणाली में वित्त कानून और व्यवस्था के कुछ विषय आरक्षित कर के गवर्नर के नियंत्रण में रखे गए।
- शिक्षा जन स्वास्थ्य और स्थानीय स्वशासन को हस्तांतरित घोषित करके मंत्रियों के नियंत्रण में दे दिया गया।
- इसका अर्थ यह भी था जिन विभागों में अधिक खर्च होता हो वे हस्तांतरित तो होंगे ही, मगर उनमें भी पूरा नियंत्रण गवर्नर का ही होगा।
दोनों सदनों की व्यवस्था-
- लेजिसलेटिव असेंबली में कुल 144 सदस्यों में से 41नामजद (Nominate)होते थे।
- ऊपरी सदन(काउंसिल ऑफ स्टेट्स) में 26 नामजद तथा334 चुने हुए सदस्य होते थे।
- गवर्नर जनरल और उनकी एक्सिक्यूटिव काउंसिल पर विधानमंडल का कोई नियंत्रण नहीं था।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस- मुंबई
- 1918 – अध्यक्ष हसन इमाम
- इस अधिवेशन में इन प्रस्तावों को निराशाजनक और संतोषजनक बताया गया।