संविधान सभा (constituent assembly):
know all about Indian constituent assembly and Indian constitution-
- 16 मई 1946 को कैबिनेट मिशन द्वारा प्रस्तुत योजना के अंतर्गत संविधान सभा का प्रारूप तय किया गया।
- संविधान सभा का गठन व्यस्क मताधिकार की बजाय प्रांतीय विधायकों के प्रतिनिधित्व के आधार पर किया गया।
- संविधान सभा में कुल 389 सदस्य का प्रावधान था-
(1). जिसमें 292 ब्रिटिश प्रांतों के प्रतिनिधि, 4 मुख्य आयुक्त क्षेत्रों के प्रतिनिधि तथा, 93 देशी रियासतों के प्रतिनिधि शामिल थे।
(2). प्रत्येक प्रांत के प्रतिनिधियों की संख्या उसकी जनसंख्या के आधार पर तय की गई 10 लाख की जनसंख्या पर एक प्रतिनिधि को चुना गया।
- जुलाई 1946 में प्रांतों के 296 सदस्यों के निर्वाचन के लिए संविधान सभा के चुनाव हुए।
- इस चुनाव में मुस्लिम लीग के 73 कांग्रेस को 208 तथा अन्य दलों को 15 स्थान प्राप्त हुए।
9 दिसंबर 1946-
- संविधान सभा की पहली बैठक, श्री सच्चिदानंद सिन्हा संविधान सभा के अस्थायी अध्यक्ष निर्वाचित किए गए थे।
- मुस्लिम लीग ने संविधान सभा के प्रथम अधिवेशन का बहिष्कार किया तथा पाकिस्तान के लिए पृथक संविधान सभा की मांग की।
constituent assembly-
11 दिसंबर 1946 को-
संविधान सभा की बैठक में डॉ. राजेंद्रप्रसाद को स्थायी अध्यक्ष चुना गया, जो अंत तक इस पद पर बने रहे।
13 दिसंबर 1946 को-
पंडित जवाहरलाल नेहरू ने संविधान का उद्देश्य प्रस्ताव सभा में प्रस्तुत किया, जो 22 जनवरी 1947 को पारित किया गया।
constituent assembly-
देश के विभाजन उपरांत सिंध, बलूचिस्तान, तथा उत्तर पश्चिमी प्रांत संविधान सभा के अधिकार क्षेत्र से बाहर चले गए।
प्रांतों के प्रतिनिधियों की संख्या 229 रह गई, देसी रियासतों का प्रतिनिधित्व भी 93 से घटकर 83 हो गया।
1 अक्टूबर 1947 को-
संविधान सभा के पुनः समवेत होने पर उसके सदस्यों की कुल संख्या 299 थी जिसमें 232 प्रांतों तथा 64 देशों के प्रतिनिधि थे-
- प्रांतों के 232 प्रतिनिधियों में 197 सामान्य 4 सिख तथा 31 मुस्लिम सदस्य थे।
26 नवंबर 1949 को- पारित संविधान पर अंतिम रूप से 284 प्रतिनिधियों द्वारा हस्ताक्षर किए गए।
24 जनवरी 1950- संविधान सभा की अंतिम बैठक- इसी दिन संविधान सभा द्वारा डॉ राजेंद्र प्रसाद को भारत का प्रथम राष्ट्रपति चुना गया।
26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान लागू किया गया।
- भारतीय संविधान विश्व का सबसे विशाल संविधान है।
- इसके निर्माण में 2 वर्ष, 11 माह ,और 18 दिन, का समय लगा था।
- इसमें आरम्भ में 395 अनुच्छेद, 22 भाग, और 8 अनुसूचियां (वर्तमान में 12) थी।
भारतीय संविधान की विशेषताएं-
- लिखित एवं लोक निर्मित संविधान
- विभिन्न संविधान से उद्धृत
- नम्य एवं अनम्य मिश्रण
- विश्व का सर्वाधिक लंबा वह विस्तृत संविधान
- एकात्मक व संघात्मक शासन का समन्वित रूप
- मौलिक अधिकारों की न्यायिक प्रकृति
- स्वतंत्र व निष्पक्ष न्याय प्रणाली
- लोकतांत्रिक व्यवस्था
- एकल नागरिकता
- सर्वभौमिक व्यस्क मताधिकार
संविधान सभा की महत्वपूर्ण समितियां:
(1). संघ शक्ति समिति -सदस्य संख्या 9 थी, तथा अध्यक्ष- जवाहरलाल नेहरू।
(2). मूल अधिकार एवं अल्पसंख्यक समिति- सदस्य संख्या- 54, अध्यक्ष-सरदार वल्लभ भाई पटेल।
(3). कार्य संचालन समिति- सदस्य संख्या- 3, अध्यक्ष- कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी।
(4). प्रांतीय संविधान समिति- सदस्य संख्या- 25, अध्यक्ष- सरदार वल्लभ भाई पटेल।
(5). संघ संविधान समिति- सदस्य संख्या- 15, अध्यक्ष जवाहरलाल नेहरू।
(6). प्रारूप समीक्षा समिति- सदस्य संख्या- 15, अध्यक्ष- सर अल्लादी कृष्णस्वामी अय्यर।
इस समिति ने संविधान सभा के सलाहकार बी.एन.राव द्वारा तैयार संविधान के प्रारूप की समीक्षा की, डॉ भीमराव अंबेडकर प्रारूप समिति के सदस्य तथा भारत सरकार के विधि मंत्री थे।
26 नवंबर 1946 को संविधान के पारित होने के बाद नागरिकता निर्वाचन अंतरिम संसद से जुड़े उपबंध तथा स्थाई व संक्रमण कार्य बंद तुरंत उसी दिन से प्रभावी हो गए।