Famous Mountain Ranges
हिमाचल की प्रसिद्ध पर्वत श्रृंखलाएं
शिवालिक या लघु हिमालय
शिवालिक का अर्थ-
- शिव की अलका यानी शिव के जटायें
- इसका पुराना नाम मैनाक पर्वत या मानक पर्वत था
समुद्र तल से ऊंचाई-
350 मीटर से 1500 मीटर
औसतन वार्षिक वर्षा-
1500 मि.मी से 1800 मि.मी
शिवालिक श्रंखला में आने वाले जिले और क्षेत्र
-
- सिरमौर, बिलासपुर, हमीरपुर, मंडी, नाहन, चंबा, नाहन, कांगड़ा, जिले के निचले भाग
क्षेत्र के सुप्रसिद्ध स्थल-
- पौंटा घाटी, जोगिंदरनगर, कांगड़ा जिला, नूरपुर, देहरा, पालमपुर, डलहौजी, भटियात, चुराह
- इस क्षेत्र में होने वाली फसलें और फल- मक्का गेहूं अदरक गन्ना धान आलू तथा खट्टे फल
(02) भीतरी या मध्य हिमालय (Inner or middle Himalayas)
इस क्षेत्र की प्रमुख श्रृंखलाएं-
धौलाधार और पीर पंजाल
समुद्र तल से ऊंचाई-
1500 मीटर से 4500 मीटर (4500 फुट से 13500 फुट)
(03) धौलाधार
- यह पर्वत श्रृंखला वृहद हिमालय से बद्रीनाथ तक फैली हुई है
- रामपुर के पास सतलुज नदी तथा लारजी स्थान पर व्यास नदी इस श्रृंखला को काटती है
समुद्र तल से ऊंचाई-
3050 मीटर से 4570 मीटर
बर्फ से ढके रहने के कारण इसे “शवेत श्रृंखला या शवेत मुकुट” भी कहा जाता है
धौलाधार श्रंखला में आने वाले जिले और क्षेत्र
- शिमला, कुल्लू, कांगड़ा, चंबा के दक्षिण पश्चिमी भागों, तक फैली हुई है
- बड़ा भंगाल के पास इसका उत्तरी भाग पीर पंजाल श्रृंखला के साथ मिल जाता है
- धौलाधार पर्वत श्रंखला वृहद हिमालय पर्वत श्रंखला से अलग होकर “खेड़ी” नामक स्थान पर हिमाचल में प्रवेश करती है
(04) पीर पंजाल
यह मध्य हिमालय की सबसे लंबी श्रृंखला है
धौलाधार श्रंखला में आने वाले जिले और क्षेत्र
- जिला सिरमौर के पछाद व रेणुका तहसील,
- जिला मंडी के चच्योट व कार्सन करसोग तहसील,
- जिला कांगड़ा के काँगड़ा और पालमपुर तहसील के ऊपरी भाग ऊपरी,
- शिमला पहाड़ियां तथा जिला चंबा की चुराह तहसील के ऊपरी भाग आते है
सिरमौर जिले की सबसे ऊंची चोटी “चूड़धार” जिसे “चोट चांदनी” के नाम से भी जाना जाता है,इसी क्षेत्र में स्थित है
रोहतांग और अन्य प्रसिद्ध दर्रे इस श्रंखला में स्थित है
(05) वृहद हिमालय (Greater Himalaya and Alpine Zone)
यह पर्वत श्रृंखला हिमाचल प्रदेश की पूर्वी सीमा के साथ साथ चलती है
समुद्र तल से ऊंचाई-
5000 मीटर से 6000 मीटर
- यह स्पीति के जल-निस्सारण को व्यास के जल- निस्सारण से अलग करती है
- इस क्षेत्र का मौसम तथा मिट्टी सूखे फलों व फसलों के लिए उपयोगी है
क्षेत्र के प्रसिद्ध दर्रे-
- साच दर्रा, चिन्नी दर्रा, छोबिया दर्रा, कुंगती दर्रा, रोहतांग दर्रा, कुंजुम दर्रा, बारालाचा दर्रा, हम्ता दर्रा, चंद्रखेरनी दर्रा
- जास्कर श्रृंखला इसी क्षेत्र में पड़ती है
- स्पीति ,किन्नौर, और कश्मीर, को तिब्बत से अलग करने वाली यही पर्वत श्रंखला है और प्रदेश की अंतिम और पूर्वोत्तर श्रंखला है
सतलुज नदी इस श्रृंखला को शिपकी के पास काटती है
इस श्रृंखला की सभी चोटिया 6000 मीटर से ऊंची है
किन्नर कैलाश चोटी प्रमुख हिमालय पर्वत श्रृंखला और जास्कर पर्वत श्रंखला के बीच स्थित है
हिमाचल की सबसे ऊंची चोटी शिल्ला (7025), और रीबा, परिगयाल(6791), इसी पर्वत श्रंखला में है
जास्कर पर्वत श्रंखला और प्रमुख हिमालय पर्वत श्रृंखला में अनेक हिम नदियां है-
- लाहौल में चंद्र नदी को पुष्ट करने वाला “बड़ा सिगरी” हिमनद 25 किलोमीटर लंबा है
- लाहौल में “मुल्कीला और मियार हिमनद” 12 किलोमीटर लंबा है जो पार्वती नदी को पुष्ट करता है
- कुल्लू में “दुधवा” और “पार्वती हिमनद” 15 किलोमीटर लंबा है
हिमाचल प्रदेश के प्राकृतिक खंड
निम्न हिमालय खंड (Low Himalayan Region)
- इसे शिवालिक या बाहरी हिमालय और भी कहा जाता है
- इस खंड में शिवालिक की सारी शिवालिक तराई और बाहरी हिमालय में पढ़ने वाले क्षेत्र शामिल किए जाते हैं
शिवालिक तराई में पड़ने वाले क्षेत्र-
ऊना, हलूण, धामी, नालागढ़, क्यारदा दून की घाटियां, बिलासपुर, हमीरपुर और कांगड़ा के पश्चिमी भाग
बाहरी हिमालय के इस खंड में पड़ने वाले क्षेत्र-
कांगड़ा का पालमपुर व धर्मशाला, चंबा का भटियात , हमीरपुर का पूर्वी भाग, मंडी के- जोगिंदरनगर, सरकाघाट, बल्ह और सुंदरनगर, अर्की, कुनिहार, सोलन के निम्न भाग और सिरमौर के मध्य भाग
निम्न हिमालय खंड क्षेत्रों की समुद्र तल से ऊंचाई –
350 मीटर से 1500 मीटर
औसतन वार्षिक वर्षा
150 और 175 सेंटीमीटर
इस खंड के लोगों का मुख्य व्यवसाय-कृषि
मुख्य फसलें-
धान, गन्दम, मक्की, सरसों, चने, तिल, व दालें
बिलासपुर और ऊना में बग्गड़ घास काफी मात्रा में पाई जाती है,जो कि अखबार के कागज बनाने के काम आती है
नाहन और बिलासपुर में विरोजा फैक्ट्रियां लगाई गई हैं, यह क्षेत्र इस खंड में पाए जाते हैं
बिलासपुर में बरमाणा, सोलन में दाड़लाघाट, सिरमौर में राजबन व नोहराधार में सीमेंट फैक्ट्री इसी खंड में आते है
मध्य हिमालय खंड (Mid Himalaya Region)
समुद्र तल से ऊंचाई-
1500 मीटर से 4500 मीटर
औसतन वार्षिक वर्षा-
75 से.मी से 100 से.मी
इस क्षेत्र के लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि और बागवानी है
मुख्य फसल-
- आलू जो इस क्षेत्र की नकदी फसल भी है
- बागवानी के क्षेत्र में मुख्य बगीचे सेब के हैं, इसके साथ-साथ आडू, पलम, नाशपाती, बादाम आदि भी पर्याप्त मात्रा में लगाए जाते हैं
मुख्य वृक्ष-
देवदार, कैल, रई, बान, बुरांस
इस खंड में आने वाले क्षेत्र-
चम्बा, चम्बा का ऊपरी भटियात, चुराह व भरमौर, मंडी के ऊहल, चच्योट और करसोग, सिरमौर का गिरी-पार, कुल्लू-मनाली, काँगड़ा का बड़ा भंगाल,और शिमला के सारे क्षेत्र
जनसंख्या का घनत्व निम्न हिमालय क्षेत्र की तुलना में कम है, जैसे पूर्व की ओर बढ़ते जाते हैं, यह घनत्व कम होता जाता है
ऊपरी हिमालय खंड (Great Himalaya Region)
इसे अल्पाइन पर्वतीय खंड भी कहा जाता है
समुद्र तल से ऊंचाई-
3500 मीटर से 5500 मीटर
इस खंड में आने वाले क्षेत्र-
चम्बा का पांगी क्षेत्र, लाहौल-स्पीति और किन्नौर
अधिकतम अनुसूचित जाती के लोग रहते है
Read Also:
Current affairs 2022 Himachal Pradesh