Religion Folk song-dance-drama
Details of Religion Folk song-dance-drama
धर्म, लोकगीत, लोकनृत्य, लोकनाट्य
(1) धर्म-
हि.प्र. के करीब 96% लोग हिन्दू धर्म को मानते है
हि.प्र. के प्रसिद्ध त्यौहार-
कुल्लू का दशहरा, सुजानपुर की होली, मंडी की महाशिवरात्रि
मुस्लिम
हि.प्र. की 1.72 जनसंख्या मुस्लिम है
प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा धार्मिक समूह है
अधिकतर मुस्लिम जनसंख्या का संबंध चंबा की गुर्जर जनजाति से है
सबसे अधिक मुस्लिम चंबा जिले में पाए जाते हैं
शिमला में स्थित जामा मस्जिद प्रसिद्ध है
सिरमौर के मिश्रवाला में मदरसा है
बौद्ध
हिमाचल प्रदेश का तीसरा बड़ा धार्मिक समूह है
यह प्रदेश में केवल 1.23% है सबसे अधिक बौद्ध अनुयायी किन्नौर जिले में है
इसके बाद लाहौल-स्पीति का स्थान आता है
धर्मशाला में तिब्बती, बौद्ध धर्म गुरु दलाईलामा का स्थान है
ताबो गोम्पा विश्व का सबसे पुराना गोम्पा है,ताबो गोम्पा विश्व का सबसे पुराना गोम्पा है यह 996 ई. में स्थापित किया गया था
“की” विश्व का सर्वाधिक ऊंचाई पर स्थित गोम्पा है, ये भी लाहौल स्पीति में स्थित है
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सिक्ख
हि.प्र. में 1.22 % लोग सिक्ख है
सिक्खों की सर्वाधिक जनसंख्या ऊना जिले में है
इसके बाद सिरमौर जिले का स्थान आता है
पौंटा साहिब का गुरुद्वारा सबसे प्रसिद्ध है
(2) लोकगीत
चम्बा–
“फुलमु-रुंझु”, प्रेमगीत- कुंजू-चंचलो, राजा- गंद्दण, भुक्कु- गद्दी, लच्छी, शिव की पूजा- नुआला, ऐंचलीय (कन्या विवाह में एक माह पूर्व राम , शिव विवाह के प्रसंगो के लिए), सूहीगीत (चम्बा की रानी के बलिदान के लिए सूही गीत गाया जाता है)
सूही मेले में चैत्र की अंतिम रात्रि को रानी के बलिदान के लिए सुकरात गाया जाता है
काँगड़ा
हरिसिँह राजेया, नूरपुरे दिए खतरेटिए, सुलिया टंगोई गयी मेरी जान, घोड़ी काँगड़ा का विवाह गीत है
मण्डी
निर्मण्डा रिए ब्राह्मणिए, मनी रामा पटवारिया, न मन्या ओ हँसा
बिलासपुर
मोहणा, गम्भरी, बालो, झंज्युटी,
शिमला और सिरमौर
लाहाण, झूरि, नाटी, और हार
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(3) लोकनाट्य
शिमला का लोकनाट्य- करियाला
बिलासपुर का लोकनाट्य- स्वांग, धाजा
मंडी का लोकनाट्य- बांठड़ा
कांगड़ा का लोकनाट्य- भगतु, चंद्रोली
चंबा का लोकनाट्य- झांकी, हांतेर
हमीरपुर का लोकनाट्य- चंद्रोली
(4) लोक नृत्य
शिमला–
घी, माला, बूरा और सिंह (जुब्बल), ठोड़ा (युद्ध-नृत्य कौरव-पाण्डव), छोहारा (महासू), जोली, छट्टी, घुगती, देव खेल नृत्य
जोली, छट्टी, घुगती, ठोड़ा, परुष लोक नृत्य है
ठोड़ा अवकाश या आनन्द नृत्य भी है
देव खेल धार्मिक नृत्य है
सिरमौर
बुडाह, बीडसु, गीह, रासा, झूरी, जोली, छट्टी, घुगती,
जोली, छट्टी, घुगती, परुष लोक नृत्य है
कुल्लू
ढीली, रूझका, देव खेल नृत्य , लालड़ी नृत्य, कड़थी , तलवार,हरण
देव खेल धार्मिक नृत्य है
लालड़ी नृत्य को संवाद नृत्य भी कहा जाता है, यह स्त्रियों का लोकप्रिय नृत्य है
कड़थी , तलवार,हरण परुष लोक नृत्य है
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चंबा
डांगी, डेपक, घुरेई, झांझर, चुराही, फुलयात्रा (पांगी) नृत्य, सेन नृत्य
घुरेई, डांगी महिला लोक नृत्य है
सेन धार्मिक नृत्य है
किन्नौर
राक्षस, नृत्य, छाम्ब, क्यांग, बाक्यांग, बयाग्चछु, जातरू क्यांग, जापरो, लामा नृत्य,
मुखौटा नृत्य – किन्नौर के लोग दूरात्माओं को भगाने के लिए यह नृत्य प्रदर्शित करते हैं
इन मुखौटा नृत्य में प्रसिद्ध है
लामानृत्य, प्रेत नृत्य, छम नृत्य, तेमोस्वांग नृत्य
लाहौल-स्पीति
शांद, शाबू, लंगदरमां, मकर नृत्य, कमर नृत्य, लामा नृत्य, छम नृत्य, मुखौटा नृत्य, भूचन नृत्य
कमर परुष लोक नृत्य है
मकर धार्मिक नृत्य है, इस नृत्य में लामा लोग “गिथर” उत्सव पर नाचते हैं
स्पीति के “गुतोर उत्सव” में छम नृत्य का विशेष आयोजन नवंबर में किया जाता है, लोक विश्वास के अनुसार प्रसिद्ध बौद्ध लामा पल्दन ईश ने इस लोक नृत्य की परंपरा आरंभ की थी
भूचन पिन घाटी का नृत्य है
कांगड़ा
रास, गुग्गा, भगत नृत्य यह सभी धार्मिक नृत्य है
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