District Mandi:Part-2

Districts of Himachal Pradesh (mandi)

जिला मंडी(district mandi)

mandi
Victoria Bridge Mandi

जिला मंडी (mandi)-

मंडी रियासत की स्थापना- 1000 ई.में- बाहुसेन ने की थी, हॉट (कुल्लू) में राजधानी स्थापित की।

माना जाता है, कि मंडी सुकेत क्योंथल तथा किस्तवाड के राजा प्रमुख सूर्यवंशी राजपूत थे, तथा उन सब का संबंध बंगाल प्रांत के सेन राजघराने से था, वे अपने आप को महाभारत काल के सुप्रसिद्ध “पांडवों(Pandvas)” के भी वंशज मानते थे।

  • बाहुसेन के उत्तराधिकारी 11 पीढ़ियों तक मंगलौर, जो कि कुल्लू में स्थित है वहां पर रहे।
  • 12 वीं पीढ़ी का प्रथम राजा करंचन सेन थे।
  • 1278 ई. में- करंचन सेन को मंगलौर युद्ध में कुल्लू के राजा के द्वारा मारा गया।
  • कंरचंन सेन की पत्नी अपने पिता के अधिकार वाले क्षेत्र सिओकोट मंडी में बान के वृक्ष के नीचे एक पुत्र को जन्म दिया, और उसका नाम बाण सेन रखा।
  • बाण सेन(1278 ई.-1340 ई.) ने 13वीं-14वीं सदी में अपनी राजधानी शिवकोट से बदलकर मंडी के भियुली में स्थानांतरित कर दी।
  • बाणसेन को मंडी में मंडी शहर की स्थापना का श्रेय जाता है।
  • बाणसेन ने पराशर झील के पराशर मंदिर का निर्माण करवाया।

कल्याण सिंह- बटाहुली राजधानी स्थानांतरित की।

अजबर सेन(1527-1534)-

  • 1527 ई में- बाहुसेन की 19 वीं पीढ़ी के राजा अजबेर सेन बने।
  • 1527 ई में- वह अपनी राजधानी साहलियान ले गया और यह स्थान मंडी कहा जाना लगा।
  • अजबेर सेन ने “कमलाह” और “कलार” को अपने राज्य में मिला लिया।
  • 1520 ई में- मंडी नगर में “भूतनाथ मंदिर” बनवाया और उसकी रानी सुल्ताना देवी ने बटहुली में “त्रिलोकी नाथ” मंदिर बनवाया था।

साहिब सेन(1554-75)-

  • अकबर का समकालीन था।

केशव सेन-

  • 1632 ई में उनकी स्मृति में उसके पुत्र हरी सेन ने वरशिला के रूप में एक स्मारक खड़ा किया।

सूरजसेन-

  • 1625 ई में- सूरजसेन के समय कमलाहगढ़ किला बनाया।
  • मंडी में दमदमा महल का निर्माण करवाया।
  • 16 अप्रैल 1648 ई में- सूरजसेन ने 18 पुत्रों की मृत्यु के बाद माधोराय की प्रतिमा की स्थापना की, मंडी शिवरात्रि मेले में रथयात्रा इसी दिन से आरंभ हुई थी।
श्याम सेन(1658 ई.)-
  • श्यामा काली मंदिर का निर्माण करवाया था।
  • सुकेत में श्याम सेन का समकालीन राजा जीतसेन था।
सिद्धसेन(1678-1727)-
  • सिद्धसेन मंडी के राजाओं में एक योग्य शासक और योद्धा माना जाता है।
  • उसने बंगाहल, सुकेत, और कुल्लू, के क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया।
  • मियाँ जम्पू को अपना वजीर नियुक्त किया।
  • उनके शासनकाल में गुरु गोविंद सिंह मंडी आए थे।
  • सिद्धसेन ने भंगाल के राजा पृथ्वीपाल की हत्या दमदमा महल के अंदर करवा दी।
  • 1695 ई में- सरखपुर किला बनवाया था।

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सिद्धसेन द्वारा बनवाए गए मंदिर-

 (1)बटुक भैरव मंदिर (मंडी),          (2)शंभू महादेव मंदिर (पंडल),       (3)सिद्ध भद्रा मंदिर,       

(4) सिद्ध काली मंदिर,       (5)सिद्ध गणपति मंदिर ,        (6) सिद्ध जालपा मंदिर,            (7) पंचवक्त्र मंदिर

ईश्वरी सेन(1779-1826 ई.)- 

  • ईश्वरी सेन को संसार चंद ने 12 वर्ष तक नादौन में कैद रखा, जिसे 1805 ई. में गोरखों ने आजाद करवाया।
  • 1809 ई में- मंडी रियासत सीखों के अधीन आ गयी।
  • 1820 ई में- विलियम मूरक्राफ्ट ने ईश्वरी सेन के समय मंडी की यात्रा की।

बलवीर सेन(1839 ई.)-

  • 1840 ई. में – महाराजा रणजीत सिंह के पोते नौनिहाल ने जनरल वन्चूरा(फ़्रांसिसी)के नेतृत्व में मंडी रियासत पर आक्रमण कर “मंडी शहर”और कमलाहगढ दुर्ग पर कब्ज़ा कर लिया।
  • बलवीर सिंह को कैद कर अमृतसर के गोविंदगढ़ किले में रखा गया।
  • 9 मार्च 1846 ई. को-ब्रिटिश सरकार के नियंत्रण में आ गयी।

विजे सेन(1851-1902 ई.)-

  • 1872 ई.में- विजे सेन पालमपुर दरबार में भाग लिया।
  • 1874 ई.में- सर हेनरी डेविस ने मंडी की यात्रा की।
  • 1877 ई.में- राजा बिजेसेन ने दिल्ली दरबार में भाग लिया और व्यास तट पर विक्टोरिया सस्पेंशन पुल का निर्माण करवाया।
  • 1881 ई.में- ऊहल नदी पर सस्पेंशन पुल का निर्माण करवाया।
  • 1883 ई.में- चार्ल्स एचिसन ने मंडी की यात्रा की।
  • 1881 ई.में- मंडी -कुल्लू सड़क का निर्माण किया गया।
  • 1899 ई.में- लार्ड एल्गिन ने मंडी यात्रा की।
भवानी सेन-
  • 1906 ई.में- दिल्ली दरबार में भाग लिया।
  • 1906 ई.में- लाला लाजपत राय मंडी आये।
  • 1911 ई.में- दिल्ली दरबार में भाग लिया।
  • 1 नवंबर 1921 ई.- मंडी ब्रिटिश सरकार के अधीन आ गयी।
जोगेन्दर सेन-
  • मंडी का अंतिम शासक था।

 

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