Panchayati Raj System

पंचायती राज व्यवस्था/स्थानीय स्वशासन

पंचायती राज व्यवस्था/स्थानीय स्वशासन

  • ग्रामीण या जिला स्तर पर स्थानीय स्वशासन व्यवस्था की जाती है तो उसे स्थानीय स्वशासन के नाम से जाना जाता है।
  • पंचायती राज व्यवस्था/स्थानीय स्वशासन का जनक लॉर्ड रिपन को जाना जाता है।
  • मद्रास वह क्षेत्र था जिसमें स्थानीय स्वशासन का प्रथम प्रयोग किया गया था।
  • 02 अक्टूबर 1959 में राजस्थान के नागौर जिले में पहली पंचायती राज व्यवस्था की स्थापना की गई।

समितियां:

बलवंत राय मेहता समिति(1957):  इन्होंने त्रिस्तरीय पंचायत(ग्राम स्तर पर ब्लॉक स्तर पर जिला स्तर पर)की वकालत की।

अशोक मेहता समिति(1977):  इन्होंने दो स्तरीय पंचायत(ग्राम मंडल एवं जिला स्तर) की वकालत की।

जी.वी.के राव समिति(1985): केंद्र स्तर पर जो योजनाएं तैयार होती है उसका विकेंद्रीकरण होना चाहिए।

एल. एम् सिंघवी समिति(1986): तीन प्रमुख सलाह दी।

(1) संवैधानिक मान्यता देने की वकालत (2) त्रिस्तरीय की वकालत (3) न्याय पंचायत की वकालत

पंचायती राज व्यवस्था/स्थानीय स्वशासन…

73वां संविधान संशोधन 1992:

24 अप्रैल को प्रतिवर्ष पंचायती राज दिवस मनाया जाता है।

73वां संविधान संशोधन 1992 के प्रमुख प्रावधान:

  • संवैधानिक दर्जा दिया गया।
  • संविधान के भाग-9, अनुसूची-11, अनुच्छेद-243-243(O) तक जोड़ा गया।
  • अनुसूची-11 के तहत 29 कार्य जोड़े गए थे।
  • त्रिस्तरीय प्रणाली को मंजूरी(किसी राज्य की 20 लाख से कम जनसंख्या पर दो स्तरीय प्रणाली को मंजूरी दी गई।)
  • सीटों का आरक्षण-महिला सीटों के लिए 1/3(कम से कम) बिहार पहला राज्य बना जिसने महिला सीटों के लिए 1/2
  • SC/ST के लिए जनसंख्या अनुपात में।
  • चुनाव राज्य निर्वाचन आयोग।
  • कार्यकाल 5 वर्ष, विघटन की स्थिति में 6 माह में चुनाव,चुनाव के लिए न्यूनतम आयु 21 वर्ष।
  • प्रत्येक 5 वर्ष पर राज्य वित्त आयोग का गठन (राज्यपाल द्वारा)।

पंचायत की संरचना:

पंचायत की संरचना तीन स्तर पर होती है:-

(01) ग्राम पंचायत-जिसका HEAD मुखिया कहलाता है,यह प्रत्यक्ष रूप से चुने जाते हैं।

  • गांव स्तर पर विकास योजना क्रियान्वित एवं रणनीति को पहचानना।
  • ग्राम स्तर पर एक और प्रमुख पद होता है जिसे हम सरपंच कहते हैं।
  • सरपंच वास्तव में एक न्याय कचहरी,यह ग्राम स्तर पर ग्रामीण कचहरी को देखते हैं फौजदारी एवं दीवानी मामले भी देखते हैं।
  • 10 हज़ार मामले ही उठाए जा सकते हैं।

(02) पंचायत समिति- जिसका HEAD प्रमुख कहलाता है,यह अप्रत्यक्ष रूप से चुने जाते हैं।

  • ग्राम पंचायत के वार्षिक योजनाओं पर विचार विमर्श करना।
  • तथा सम्मिलित योजना को जिला परिषद में प्रस्तुत करना।

(03) जिला परिषद- जिसका HEAD अध्यक्ष कहलाता है।

  • यह भी अप्रत्यक्ष रूप से चुने जाते हैं।
  • समन्वय और पर्यवेक्षण।

 

राज्य विधायिका (State legislature)

 

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