Climate And Climate Classification
जलवायु
पृथ्वी के किसी विस्तृत भाग के औसत मौसम दशाओं में आने वाले परिवर्तन को “जलवायु” कहते है।
जलवायु को प्रभावित करने वाले कारक
(1) अक्षांश अथवा विषुवत वृत्त से दुरी
(2) समुद्र तल से ऊंचाई
(3) समुद्र से दूरी
(4) समुद्री धाराएं
(5) प्रचलित पवनों का रूप
(6) पर्वत मालाओं की स्थिति
(7) मिट्टी की प्रकृति और वनस्पति आवरण
Climate And Climate Classification
जलवायु का वर्गीकरण
जलवायु वर्गाकृत करने का प्रथम प्रयास यूनानियों ने किया था उन्होंने इसे पांच अक्षांशीय ताप कटिबन्धों में बांटा
ये पांच कटिबन्ध है –
(1) उष्ण कटिबंध
(2) उत्तरी शीतोष्ण कटिबंध
(3) दक्षिणी शीतोष्ण कटिबंध
(4) उत्तरी शीत कटिबंध
(5) दक्षिणी शीत कटिबंध
जलवायु के प्रकार (Climate And Climate Classification)
वर्ष 1936 में व्लादमीर कोपेन ने जलवायु का वर्गीकरण किया यह वर्गीकरण तापमान, वर्षण, तथा उनकी ऋतुवत विशेषताओं पर आधारित है।
उन्होंने दुनियां को 5 बृहद जलवायु वर्गों और उनको भी 13 उपवर्गों में विभाजित किया।
तो जानते इनके द्वारा वर्गीकृत किये गए जलवायु वर्ग और जलवायु उपवर्ग के बारे में-
(1) उष्णकटिबंधीय जलवायु
इस वर्ग में आने वाले उपवर्ग-
(a) उष्ण कटिबंधी वर्षा वन जलवायु
- इन्हे भूमध्य रेखीय या सेल्वास या गर्म पेटी भी कहते है।
- इस तरह की जलवायु 00 से 100 उत्तरी-दक्षिणी अक्षांश पेटियों में पायी जाती है।
- इन जलवायु वाले प्रदेशों का औसतन तापमान 270 होता है।
- यहां पर वर्षा 200 से. अधिक होती है।
(b) सवाना जलवायु
- इस जलवायु वाले प्रदेश 100 से 300 अक्षांश में होते है।
- इन प्रदेशों का तापमान 200 से 300 से. होता है।
- यहाँ पर वर्षा 25 से. से 100 से. तक होती है।
इस जलवायु में आने क्षेत्र-
दक्षिणी अमेरिका में वेनेज़ुएला, कोलंबिया, गुयाना, ब्राज़ील,पराग्वे है।
(c) मानसूनी जलवायु
- यह जलवायु भूमध्य रेखा के दोनों और 100 से 300 अक्षांशो के मध्य है।
- इस जलवायु में पाए जाने वाले क्षेत्र-
- भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, थाईलैंड, कम्बोडिया, अफ्रीका का पूर्वी तटीय भाग, अमेरिका का दक्षिणी-पूर्वी तट तथा ऑस्ट्रेलिया के उत्तरी भाग
- इस जलवायु में पाए जाने वाले क्षेत्रों की मुख्य विशेषता “मानसून हवाएं” है।
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(2) शुष्क जलवायु
इस वर्ग में आने वाले उपवर्ग-
(a) मरुस्थलीय जलवायु
मरुस्थलीय जलवायु को रेगिस्तानी जलवायु भी कहते है पृथ्वी के उन भागों पर विस्तृत जलवायु है, जहाँ वर्षण की मात्रा वाष्पीकरण से कम होती है।
मरुस्थलीय जलवायु को दो भागों में विभक्त किया जा सकता है-
(i) उष्णकटिबंधीय व उपोष्ण रेगिस्तान जलवायु
- यह जलवायु 150 से 300 अक्षांशो के बीच दोनों गोलार्द्धों में आने वाले प्रदेशों में पायी जाती है
- यहाँ का तापमान 250 से 300 से. होता है
- इस जलवायु में पाए जाने वाले प्रदेशों में 25 से 100 से.मी. तक बारिश होती है
(b) स्टेपी जलवायु
- इस प्रकार की जलवायु उष्ण कटिबन्धीय व उपोष्ण रेगिस्तान के ध्रुवीयोन्मुख क्षेत्र में पायी जाती है
- इस प्रकार के जलवायु में आने वाले क्षेत्र खाद्यान्न की दृष्टि से श्रेष्ठ होते है
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(3) मध्य अक्षांशीय नम जलवायु
(a) भूमध्य सागरीय जलवायु
- यह जलवायु भूमध्य रेखा के दोनों और 30º से 45º अक्षांशों के मध्य महाद्वीपों के पश्चिमी भाग में पायी जाती है
- भूमध्य सागर के अलावा कैलिफ़ोर्निया के तटवर्ती क्षेत्र, पश्चिमी और दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया के कुछ क्षेत्र, दक्षिणपश्चिमी दक्षिण अफ़्रीका और मध्य चिली में भी इस प्रकार की मौसमी परिस्थितियाँ मिलती हैं।
(b) चीन तुल्य जलवायु
- यह जलवायु 30º से 45º अक्षांशों के मध्य महाद्वीपों के पूर्वी भाग में पायी जाती है
- इस जलवायु में आने वाले प्रदेशों का औसतन तापमान 200 से 220 से. तक होता है
- इन प्रदेशों में वार्षिक वर्षा 70 से 150 से.मी. तक होती है
(c) पश्चिमी यूरोपीय जलवायु
- इस जलवायु में पाए जाने वाले क्षेत्रों में वर्ष भर पछुआ पवनों कारण वर्षा होती रहती है
- इन प्रदेशों में 100 से 200 से.मी तक वर्षा होती है
- इस जलवायु में आने वाले प्रमुख क्षेत्र
- दक्षिणी स्कैंडनेविया, उत्तरी स्पेन,पश्चिमी फ्रांस, बेल्जियम, नीदरलैंड, डेनमार्क, पश्चिमी जर्मनी
(4) आर्द्र मध्य अक्षांशीय जलवायु
(a) टैगा जलवायु
- यह जलवायु 50º से 65º उत्तरी गोलार्द्धों में पायी जाती है
- इन जलवायु वाले प्रदेशों में सर्वाधिक वार्षिक तापान्तर पाया जाता है
- यहाँ वर्षा 50 से.मी. तक होती है
- दुनिया का सबसे ठंडा स्थान “बर्खोयांस्क” जिसे “विश्व का शीत मरुस्थल” भी कहा जाता है, यहीं स्थित है
इस जलवायु में आने वाले प्रमुख क्षेत्र
मध्य कनाडा, स्वीडन, दक्षिण, फिनलैंड, पोलैंड, रूस, साइबेरिया
(b) महाद्वीपीय जलवायु
(5) ध्रुवीय जलवायु
(a) टुण्ड्रा जलवायु
- टुंड्रा शब्द फिनिश भाषा से आया है इसका अर्थ “ऊँची भूमि”, “वृक्षविहीन पर्वतीय रास्ता” होता है।
- यह जलवायु उत्तरी गोलार्द्ध में 660 उत्तरी अक्षांश में पायी जाती है
- इस जलवायु में आने वाले प्रदेशों में 30 से.मी तक वर्षा होती है
- इन जलवायु वाले प्रदेशों में बर्फानी तूफान चलता है, इसे “ब्लिजार्ड” पवनें कहते है
- यहाँ लाइकेन एवं मॉस पाए जाते है
(b) हिमाच्छादित प्रदेश की जलवायु