The Cripps Mission was sent by the British government to India in March 1942 to obtain Indian cooperation for the British war efforts in the 2nd World War.
क्रिप्स मिशन (Cripps Mission 1942 ईसवी)
“क्रिप्स मिशन” 1942 ई. में भारत आया था।
“सर स्टैफोर्ड क्रिप्स”,जो वामपंथी लेबर दल के सदस्य थे उन्होंने क्रिप्स मिशन की अध्यक्षता की थी|
इस मिशन का उद्देश्य भारत को ब्रिटेन के पक्ष में द्वितीय विश्व युद्ध में शामिल करना था।
उन्होंने भारतीय नेताओं से बातचीत की और भारत को “डोमिनियन स्टेट” देने का प्रस्ताव रखा।
कांग्रेस तथा मुस्लिम लीग दोनों ने यह प्रस्ताव स्वीकार किया क्योंकि वह पूर्ण स्वतंत्रता चाहते थे।
गांधी जी ने क्रिप्स मिशन के “उतरांतिक तिथि का चेक (पोस्ट डेटेड चेक)” कहा।
क्रिप्स मिशन (Cripps Mission) के मुख्य सुझाव
- युद्ध के पश्चात भारत को उपनिवेश 61 राज्य एवं प्रदान किया जाएगा।
- भारत का नया संविधान बनाने के लिए एक संविधान सभा का गठन किया जाएगा इसके सभी सदस्य निर्वाचित होंगे।
- जो प्रान्त ने संविधान से सहमत नहीं होंगे वह अपनी वर्तमान स्थिति को कायम रख सकेंगे।
- जो नई संविधान सभा बनेगी उसमें देसी रियासतों द्वारा भी भाग लेने की व्यवस्था होगी किंतु वे भी नया संविधान स्वीकार करने के लिए बाध्य नहीं होंगे।
- नए भारतीय संघ में ब्रिटिश इंडिया के प्रान्त तथा देशी रियासतें शामिल हो सकेंगी।
- जब संविधान बन जाएगा और उसको स्वकृति मिल जाएगी उसके बाद ब्रिटेन तथा भारत के बीच एक संधि होगी, इस संधि के अनुसार सत्ता के हस्तांतरण की व्यवस्था की जाएगी।
- इसके साथ ऐसी व्यवस्था भी की जाएंगी जिससे भविष्य में भारत में अल्पसंख्यकों की रक्षा हो सके।