District Chamba
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चम्बा का जिले के रूप में गठन- 15 अप्रैल 1948चम्बा का इतिहास-z
- 550 ई. में- अयोध्या के राजा सूर्यवंशी मारू ने चम्बा रियासत की स्थापना की थी, राजधानी भरमौर (ब्रह्मपुर)।
- 620 ई. में- वर्मन की उपाधि सर्वप्रथम आदित्य वर्मन ने धारण की।
- 680 ई. में- चम्बा का राजा मेरु बर्मन, एक शक्तिशाली राजा था मेरु बर्मन द्वारा मंदिर निर्माण-
(1).भरमौर में मणिमहेश, (2).लक्ष्णा देवी मंदिर, (3).गणेश मंदिर नरसिंह मंदिर, (4).छतराड़ी में शक्ति देवी मंदिर।
- 800 ई. में- तिब्बतियों ने चम्बा रियासत के अधिकतर क्षेत्रों पर कब्जा किया, इस समय राजा लक्ष्मी बर्मन थे।
- 920 ई. में- साहिल बर्मन ने चम्बा शहर की स्थापना की थी, उसने शहर का नाम अपनी पुत्री चंपावती के नाम से रखा।
साहिल बर्मन द्वारा मंदिरों का निर्माण- 1.लक्ष्मी नारायण 2.चंद्रशेखर चंद्रगुप्त 3. कामेश्वर मंदिर।
- 940 ई. में – युगंकर बर्मन की पत्नी त्रिभुवन देवी के द्वारा भरमौर में नरसिंह मंदिर का निर्माण।
- 1040 ई. में- उस समय राजा सालवाहन वर्मन थे।
कुछ खास बातें-
- कश्मीर के शासक अनंत देव ने भरमौर पर सालवाहन वर्मन के समय आक्रमण किया था यह सब राज तरंगिणी में है।
- इनके समय के कुछ शिलालेख मिले हैं जिसमें तीसा परगना और साईकोठी का उस समय बसौली राज्य मैं होने का पता चला है।
- 1105 ई. में – राजा जसटा वर्मन थे, इस समय का शिलालेख चुराह के लोहटिकरी में मिला है।
- 1143 ई. में- राजा ललित बर्मन थे, इनके कार्यालय के दो पत्थर लेख डिवरी कोठी और सेचुनाला मैं प्राप्त हुए हैं।
- 1191- 92 में- मोहम्मद गौरी के आक्रमणों का फायदा लेकर विजय बर्मन के द्वारा कश्मीर और लद्दाख पर कब्जा।
- 1512 ई. में -गणेश बर्मन ने सर्वप्रथम सिंह की उपाधि।
- 1559 ई. में – राजा प्रताप सिंह बर्मन।
कुछ महत्वपूर्ण बातें-
- राजा प्रताप सिंह अकबर के समकालीन थे।
- चम्बा का रिहलू क्षेत्र टोडरमल ने मुगलों को दे दिया।
- प्रताप सिंह द्वारा कांगड़ा के राजा चंद्रपाल की हार और गुलेर का चम्बा रियासत में मिलाया जाना।
- 1622 ई.में – जहांगीर का कांगड़ा भ्रमण, जहांगीर के कांगड़ा दौरे पर चम्बा का राजा जनार्धन और उसका भाई उनसे मिलने आए।
. राजा जनार्दन और जगत सिंह के धलोग का युद्ध हुआ जिसमें चम्बा के राजा की हार हुई।
- 1623 ई. में- जनार्दन को जगत सिंह ने धोखे से मरवा दिया।
. 1641 ई. में- जगत सिंह का शाहजहां के विरुद्ध विद्रोह।
. मौके का फायदा उठाकर पृथ्वी सिंह जो कि बलभद्र का पुत्र था उसने मंडी और सुकेती की मदद से चम्बा पर अधिकार किया।
. बचपन में पृथ्वी सिंह का पालन पोषण नर्स बाटलू ने किया।
. पृथ्वी सिंह ने भलेई तहसील बसोली के राजा संग्राम सिंह को देकर उससे गठबंधन किया।
. 1648 ई.- भलेई को चम्बा में मिलाया गया।
. पृथ्वी सिंह शाहजहां का समकालीन था।
. नर्स बाटलू द्वारा मंदिरों का निर्माण- (1)खज्जीनाग (खजियार), (2)हिडिंबा मंदिर (मेहल्ला),(3) सीताराम मंदिर (चम्बा)।
- 1664 ई.में- चतर सिंह का बसौली पर आक्रमण और भलेई ही पर कब्जा चतर सिंह औरंगजेब का समकालीन था।
- 1678 ई.में- औरंगजेब का हिंदू मंदिरों को नष्ट करने का आदेश, और चतर सिंह ने इस आदेश को मानने से इनकार किया।
- 1748 ई.में- राजा उमेद सिंह उनके कार्यकाल में चम्बा राज्य मंडी सीमा तक फैल गया था।
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. कुछ महत्वपूर्ण बातें-
. राजा उमेद राजनगर में नाडा महल बनवाया।
. चम्बा के रंग महल की नीव राजा उमेद ने रखी।
- 1764 में – राजा राज सिंह 9 वर्ष की आयु में बने इसी समय घमंड चंद ने पथियार को चम्बा से छीन लिया।
. रिहलू क्षेत्र को लेकर राजा राज सिंह और कांगड़ा के राजा संसार चंद के बीच युद्ध हुआ।
. राज सिंह के दरबार में कलाकार- निक्का,रांझा, छज्जू ,हरकू।
- 1808 ई.में- चरहत सिंह 6 वर्ष की आयु में राजा बने, राज्य का काम नाथू वजीर संभालता था,।
- 1825 ई.में – चरहत सिंह की माता ने राधाकृष्णन मंदिर की स्थापना की।
- 1825 ई में- पदर के राज अधिकारी रतनू ने जास्कर पर आक्रमण किया।
- 1839 ई. में- विगने और जनरल कनिंघम ने चम्बा यात्रा की।
- 1844 ई. में – श्री सिंह 5 वर्ष की आयु में राजा बनाए गए लक्कड़ शाह ब्राह्मण श्री सिंह के समय प्रशासन नियंत्रण रखे हुए था।
- 1840 ई.में- चम्बा को जम्मू के राजा गुलाब सिंह को दे दिया गया, वजीर भागा के प्रयासों से सर हेनरीलॉरेंस ने चम्बा की वर्तमान स्थिति रहने दे।
- 1846 ई.में- चम्बा अंग्रेजों के अधीन आ गया।
- 1857 का विद्रोह – श्री सिंह का अंग्रेजों के साथ समर्थन, मियां अवतार सिंह के अधीन डलहौजी में अंग्रेजों की सहायता के लिए सेना भेजी।
- 1864 ई.में – वजीर भागा सेवा निर्वित हो गया जो 1830 में चम्बा का वजीर नियुक्त हुआ था।
- 1863 ई.में-(a).व्लेयर रीड चम्बा का सुप्रिडेंट बना। (b).डाकघर खोला गया।
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1870 से 1947 का तक –
- 1871 ई.में – लॉर्ड मायो चम्बा आए।
- 1874 ई.में- सर हेनरी डेविस ने चम्बा की यात्रा की।
- शाम सिंह ने 1875 और 1877 के दिल्ली दरबार में भाग लिया।
32 1880 ई.- चम्बा में हॉप्स की खेती शुरू की गयी।
- 1883 ई.में- सर चार्ज एटिकक्शन की चम्बा यात्रा।
- 1891 ई.में- कर्नल रीड अस्पताल को तोड़कर शाम सिंह अस्पताल बनाया गया (40 बिस्तरों का)।
- 1894 ई.में- शीतला पुल टूट गया और उसकी जगह लोहे का सस्पेंशन पुल बनाया गया।
- 1895 ई.में- भटियात विद्रोह हुआ।
- 1900 ई.में- लॉर्ड कर्जन और उनकी पत्नी की चम्बा यात्रा।
- 1904 ई.में- भूरी सिंह चम्बा के राजा बने।
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(1) 1 जनवरी 1906 को राजा बुरी सिंह को नाइटहुड की उपाधि मिली।
(2) 1908 ई.में भूरी सिंह संग्रहालय की स्थापना।
(3) 1910 में बिजली घर का निर्माण किया गया।
- 1935 में- चम्बा का अंतिम राजा-लक्ष्मण सिंह बने।
प्रमुख बिंदु-
- लोक नृत्य- झाँझर और नाटी,।
- गीत – कुंजु -चंचलो ,रंझु -फुलमु ,भुक्कु -गददी।
- मेले- मिंजर मेला(अगस्त), सुही मेला(अप्रैल)।
- यात्रा- फूल यात्रा(अक्टूबर) मणिमहेश यात्रा(अगस्त-सितंबर)।
- किताब लेखन- मुख्त सर तारीख-ए-रियासत चम्बा -गरीब खान।
. एंटीक्स ऑफ चम्बा स्टेट –बी.सी.छाबड़ा।
- पशुपालन- सरोल में भेड़ प्रजनन केंद्र।
- जल विद्युत परियोजनाएं- (a.) चमेरा-1 (540 mw), (b).चमेरा-II – (300 mw) (c). बेरास्यूल (198mw) (d).हडसर (60mw ) (e).भरमौर (45mw )।
यहां आप हिमाचल प्रदेश के अन्य ज़िलों के बारे में जानकारी ले सकते किन्नौर,हमीरपुर, शिमला।।।
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