Earth’s atmosphere and its layers
Earth’s atmosphere and its layers
वायुमंडल की संरचना
Earth(पृथ्वी) पर तीन चीजें मौजूद हैं वायुमंडल, जलमंडल, स्थल मंडल।
जहां पर यह तीनों चीजें मिलती है उसे जैब मंडल कहा जाता है।(इसी मंडल पर जीवन उपलब्ध होता है)
वायुमंडल(Exosphere): वायुमंडल अनेक गैसों का मिश्रण है, गैसों के अतिरिक्त वायुमंडल में जलवाष्प तथा धूल के कण उपस्थित है।
नाइट्रोजन: समूचे वायुमंडल के आयतन का 78% भाग है।
ऑक्सीजन: ऑक्सीजन गैस वायुमंडल में 64 किलोमीटर तक फैली हुई है, वायुमंडल में इसकी मात्रा करीब 21% है।
आर्गन: आर्गन वायुमंडल का केबल 0.93% भाग है और वायुमंडल की निचली परतो में पाई जाती है।
कार्बन डाइ-ऑक्साइड: वायुमंडल का केबल 0.03% भाग होते हुए भी एक महत्वपूर्ण गैस है।
ओजोन: ओजोन वायु मंडल में बहुत कम मात्रा में पाई जाती है,पृथ्वी की सतह से 25 से 50 किलोमीटर की ऊंचाई के बीच ओजोन पाई जाती है।
Earth’s atmosphere and its layers
वायुमंडल की परतें
क्षोभमंडल(Troposphere): वायु मंडल की सबसे निचली बाली परत है।
जिसकी ऊंचाई विषुवत रेखा पर 18 किलोमीटर तथा ध्रुवों पर 8 किलोमीटर है।
इस परत में ऊंचाई के साथ-साथ तापमान घटता है, प्रत्येक 165मी. पर 10C तापमान की कमी हो जाती है।
मौसम संबंधित घटनाएं क्षोभमंडल में होती हैं।
गर्मियों के दिनों में क्षोभमंडल की ऊंचाई बढ़ जाती है।
समतापमंडल: यह परत 50 कि.मी. तक विस्तृत है, इसके निचले भाग में 20कि.मी. की ऊंचाई तक तापमान में कोई परिवर्तन नहीं होता है, इसलिए इसे समतापमंडल कहते हैं।
कभी-कभी जलवाष्प उपलब्ध होने के कारण इस तापमंडल में दुर्लभ बादल मिलते हैं,जिसे मदर ऑफ पर्ल कहते हैं।
इसके ऊपर 50 किलोमीटर की ऊंचाई तक तापमान में वृद्धि होती है जिसका कारण वहां उपस्थित ओजोन गैस है।
जो सूर्य की पराबैंगनी किरणों का अवशोषण करती है इसलिए इसे पृथ्वी का सुरक्षा कवच कहते हैं।
ओजोन परत की मोटाई मापने में डाबसन इकाई का प्रयोग किया जाता है।
यहां वायु क्षैतिज(Horizontal) दिशा में चलती है।
यह मंडल वायुयान चालकों के लिए उत्तम मंडल होता है।
वायुमंडल की परतें
मध्य मंडल:
जिसका विस्तार 80 कि.मी. की ऊंचाई तक है।
इस परत में ऊंचाई के साथ तापमान गिरने लगता है, और 80 कि.मी. की ऊंचाई पर -100o C रह जाता है।
आयन मंडल:
सीमा के ऊपर 80-640 कि.मी. की ऊंचाई तक आयनमंडल है।
आयनमंडल में तीन परतें(D,E,F) स्थित है जो कि पृथ्वी से प्रेषित(Transmitted) रेडियो तरंगों को परावर्तित(Reflect) करके पृथ्वी पर वापस भेजती हैं।
इससे रेडियो प्रसारण में सहायता मिलती है संचार उपग्रह इसी स्तर में स्थित होते हैं।
बहिर्मंडल:
यह वायुमंडल की सबसे ऊपरी परत है,यहां वायु काफी बिरल होती है,यह पृथ्वी की सतह से काफी दूर है।
यहां तापमान 55680 C से भी अधिक पहुंच जाता है परंतु उष्णता का अनुभव नहीं होता है।
यहां हाइड्रोजन एवं हीलियम गैसों की प्रधानता है।
भारत का भौतिक स्वरूप(Physical nature of india)