Mountain Ranges-
Mountain ranges in states of India.
उत्तर से दक्षिण(North to South)-
सबसे पुराना पर्वत अरावली है।
उत्तर से दक्षिण |
काराकोरम-
काराकोरम एक विशाल पर्वत शृंखला है जिसका विस्तार पाकिस्तान, भारत और चीन के क्रमश: गिलगित-बल्तिस्तान, लद्दाख़ और शिन्जियांग क्षेत्रों तक है। यह एशिया की विशाल पर्वतमालाओं में से एक है और हिमालय पर्वतमाला का एक हिस्सा है। काराकोरम किर्गिज़ भाषा का शब्द है जिस का मतलब है ‘काली भुरभुरी मिट्टी’। |
लद्दाख-
लद्दाख़ पर्वतमाला भारत के लद्दाख़ क्षेत्र के मध्य भाग में स्थित एक पर्वतमाला है। इसका उत्तरी छोर पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र तक जाता है। यह सिन्धु नदी व श्योक नदी की घाटियों के बीच स्थित है और 370 किमी तक चलती है। लद्दाख़ पर्वतमाला काराकोरम पर्वतों की एक दक्षिणी उपशृंखला है। |
Mountain Rangesज़ंस्कार– ज़ंस्कार पर्वतमाला या ज़ंस्कार रेंजजम्मू और कश्मीर और लद्दाख के भारतीय क्षेत्रों में एक पर्वत श्रृंखला है, जो ज़ांस्कर को लद्दाख से अलग करती है। भूवैज्ञानिक रूप से, ज़ांस्कर रेंज टेथिस हिमालय का एक हिस्सा है, जो लगभग 100 किलोमीटर चौड़ा एक पर्यायवाची है। ज़ांस्कर रेंज की औसत ऊँचाई लगभग 6,000 मीटर (19,700) है फुट)। इसके पूर्वी भाग को रूपशु के नाम से जाना जाता है। यह ट्रांस-हिमालय से संबंधित है। |
पीर पंजाल-
पीर पंजाल पर्वतमाला हिमालय की एक पर्वतमाला है जो भारत के हिमाचल प्रदेश व जम्मू और कश्मीर राज्यों और पाक-अधिकृत कश्मीर में चलती है। हिमालय में धौलाधार और पीर पंजाल शृंख्लाओं की ओर ऊँचाई बढ़ने लगती है और पीर पंजाल निचले हिमालय की सर्वोच्च शृंख्ला है। |
धौलाधार-धौलाधार को ‘सफेद पर्वत’ के नाम से भी जाना जाता है। यह हिमाचल प्रदेश में स्थित पर्वतमाला है।
यह राज्य के पश्चिम में चम्बा जिले से शुरू होकर पूर्व में किन्नौर जिले से जाते हुए उत्तराखंड से होते हुए पूर्वी असम तक फैली हुई है। |
Mountain Ranges-
उतरी पूर्वी भारत-
उत्तर से दक्षिण |
राजमहल पहाड़ियाँ–
झारखंड का यह प्रसिद्ध शहर विश्व के प्राचीनतम पर्वतश्रृंखला राजमहल की पहाड़ियों में स्थित हैं, जो गंगा नदी से 190 किलोमीटर उत्तर-दक्षिण में लगभग दुमका तक फैली हुई हैं। यहां पर मौजूद मुगलकालीन इमारतों की आज की बुलंदी अतीत की बुलंदी को परिभाषित करती है। राजमहल की पहाड़ियां लगभग 567 मीटर की ऊंचाई तक उठती हैं। |
विंध्य श्रेणी पहाड़ियाँ- विंध्य पर्वत श्रृंखला मध्य भारत, मध्य प्रदेश में स्थित है, और यह 970 किलोमीटर लंबा और 910 मीटर ऊंचा है।
यह सीमा गुजरात राज्य से पूर्व और उत्तर में मिर्जापुर में गंगा नदी तक जारी है। विंध्य शब्द संस्कृत के शब्द “विन्ध्य” से निकला है जिसका अर्थ है रास्ते में पड़ना। विंध्य रेंज “विंध्याचल” के रूप में भी प्रसिद्ध है। |
कैमूर पहाड़ियाँ-
कैमूर पहाड़ियाँ, विंध्य पर्वतश्रेणी का पूर्वी हिस्सा है, जो मध्य प्रदेश के जबलपुर ज़िले के पास कटंगी से शुरू होता है। यह पूर्व से किंचित उत्तर दिशा में बिहार में सासाराम तक लगभग 483 किलोमीटर से भी अधिक फैला हुआ है। मध्य प्रदेश में इस पर्वत श्रेणी का विशिष्ट स्वरूप है। |
सोनपर पहाड़ियाँ- |
मिलन पहाड़ियाँ- |
रामगढ़ पहाड़ियाँ- |
Mountain Ranges-
मेघालय
(1) गारो पहाड़ियाँ (2) खासी पहाड़ियाँ (3) जयंतिया पहाड़ियाँ
प्रायद्वीपीय भारत की पहाड़ियां-
नल्लमला पहाड़ियाँ-
भारत के दक्षिणी भाग में पूर्वी घाट पर्वतमाला का भाग है जो आन्ध्र प्रदेश राज्य के रायलसीमा क्षेत्र और तेलंगाना के महबूबनगर और नल्गोंडा ज़िलों की पूर्वी सीमा पर स्थित है। |
पालकोंडा पहाड़ियाँ-
दक्षिण-पूर्वी भारत के दक्षिणी आंध्र प्रदेश राज्य में स्थित पर्वत श्रेणीयों की शृंखला है। पालकोंडा पहाड़ियाँ पश्चिमोत्तर से दक्षिण-पश्चिम की ओर स्थित हैं तथा पूर्वी घाट के मध्यवर्ती हिस्से का निर्माण करती हैं। स्फटिक, स्लेट और लावा से बनी पालकोंडा पहाड़ियाँ दक्षिण में 900 मीटर तक ऊँची हैं। |
शेषचलम की पहाड़ियाँ-
(शेषाचलम् = शेष + अचलम् = शेष पर्वत)- पूर्वी घाट की महत्वपूर्ण पर्वत शृंखला है, जो दक्षिण भारत के दक्षिणी आंध्र प्रदेश राज्य में विस्तारित है। इसी पहाड़ी पर तिरूपति का मन्दिर है। |
जावडी पहाड़ियाँ-
जावडी पहाड़ियों की श्रेणी है। यह पूर्वी घाट की बड़ी श्रेणियों में से एक है, यह उत्तरी तमिलनाडु राज्य के दक्षिण में भारत में स्थित है। लगभग 80 किमी और 32 किमी लंबी इस श्रेणी को पलार की सहायक नदियाँ चेय्यर व अगरम पूर्वी और पश्चिमी भागों में बांटती हैं। |
Mountain Rangesनीलगिरि पहाड़ियाँ- (‘नीले पहाड़’) भारत के दक्षिणी भाग में स्थित एक पर्वतमाला है। यह पर्वतमाला पश्चिमी घाट श्रृंखला का हिस्सा हैं। नीलगिरि पर्वत श्रृंखला का कुछ हिस्सा तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल में भी। यहां की सबसे ऊंची चोटी डोड्डाबेट्टा है जिसकी कुल ऊंचाई 2637 मीटर है। |
अन्नामलाई की पहाड़ियां-
यह पश्चिमी घाट की पर्वत श्रेणियाँ हैं और तमिलनाडु राज्य, दक्षिण-पूर्वभारत मे एलीफेंट पर्वतमाला के नाम से विख्यात हैं। |
इलायची पहाड़ियां-
भारत के पश्चिमी घाट की पर्वतमाला की पहाड़ियाँ हैं। कार्डेमम का हिन्दी अर्थ इलाइची होता है। भारत के भौगोलिक द्र्ष्टिकोण से यह दक्षिण भारत की एक पहाड़ी है, जो अन्नामलाई (नीलगिरि पहाड़ी के दक्षिण में स्थित) पहाड़ियों के दक्षिण में स्थित है। कार्डेमम पहिड़ियो के दक्षिण में नागरकोयल की पहाड़ियाँ स्थित है। |
पूर्वी और पश्चिमी घाट नीलगिरि में मिलते हैं।