रानी ललिता कुमारी
खैरागढ़ी के नाम से मशहूर रानी ललिता कुमारी
- चलिए जी आज बात करते हैं खैरागढ़ी के नाम से मशहूर मंडी रियासत(अब हिमाचल प्रदेश का जिला मंडी) की क्रांतिकारी महिला रानी ललिता कुमारी की ।
- अंग्रेजो ने रानी ललिता या रानी खैरागढ़ी को रियासत से बेदख कर उनके मंडी आने पर रोक लगा दी थी।
- बात हो रही है जब साल 1912 में जब राजा भवानी सेन का निधन हो गया था।
- अंग्रेजों की परंपरा थी कि वारिस न होने पर वे सीधे रियासतों को अपने कब्जे में ले लिया करते थे।
- राजा भवानीसेन और ललिता की कोई अपनी संतान नहीं थी मगर बालक(baby) जोगिंदर सेन को गोद लिया गया था।
- वही जोगिंदर सेन जिनके नाम पर सुक्राहट्टी का नाम बदलकर जोगिंदर नगर (आज का जोगिन्दर नगर )रखा गया है।
जोगिंदर सेन मंडी रियासत के वारिस तो थे मगर उनकी मां ललिता ने पुत्रमोह के बजाय देशप्रेम को प्राथमिकता दी।
- उन्होंने लाला लाजपतराय के संगठन के लिए काम किया।
- उन्होंने आजादी के लिए संघर्ष करने वालों को आर्थिक योगदान दिया
- बम बनाने का प्रशिक्षण भी उन्होंने लिया था।
- साल 1914 में नागचला में खजाने को तो लूट लिया गया, मगर दलीप सिंह और पंजाब के क्रांतिकारी निधान सिंह पकड़े गए।
- रानी खैरागढ़ी को भी रियासत से निकाल दिया गया
- 1921 ईस्वी को सुकेत रियासत पंजाब सरकार से ब्रिटिश भारत सरकार के अधीन आ गई।
- 1936 में मंडी रियासत की सिल्वर जुबली समारोह में भाग लेने के लिए लखनऊ से मंडी के लिए रवाना हुई और उसमें रानी जोगिंदर नगर (आज का) में हरबाग नामक स्थान पर क्रांतिकारियों के साथ बैठक कर रही थी और क्रांतिकारियों के लिए गांव वालों ने खाना भेजा शायद वह खाना खराब था और उस समय हेज़ा भी फैला हुआ था और उन्हें हेज़ा हो गया जिसके कारण उनकी मृत्यु हो गई।
रानी ललिता कुमारी
कुछ महत्वपूर्ण बातें
- आपको बता दें कि स्वतंत्रता संग्राम में कूदने वाली हिमाचल के पर्वतीय क्षेत्र के राजघराने की पहली महिला थी।
- उन्हें खैरागढ़ी के नाम से भी जाना जाता था वे राष्ट्रीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष भी बनी थी।
जैसे कि हमने बताया कि वे लाला लाजपत राय के क्रांतिकारी संगठन से भी जुड़ी थी और महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन में भी उन्होंने बढ़-चढ़कर भाग लिया था।
- 01 मार्च 2021 में मंडी सांसद रामस्वरूप शर्मा ने मंडी कस्बे के साकोदी पुल चौक पर स्वतंत्रता सेनानी रानी खैरगढ़ी की प्रतिमा का अनावरण किया था
- उन्होंने कहा, “मंडी की रानी ललिता कुमारी को रानी खैरगढ़ी के नाम से जाना जाता है क्योंकि उनका पैतृक घर उत्तर प्रदेश के खैरगढ़ में था।“
- रानी खैरगढ़ी की प्रतिमा का निर्माण मंडी के शासकीय वल्लभ डिग्री कॉलेज में मूर्तिकला विभाग में कार्यरत सहायक प्रोफेसर निवेदिता गौतम ने किया था।
1000 ई.में- बाहुसेन ने की थी, हॉट (कुल्लू) में राजधानी स्थापित की।
माना जाता है, कि मंडी सुकेत क्योंथल तथा किस्तवाड के राजा प्रमुख सूर्यवंशी राजपूत थे, तथा उन सब का संबंध बंगाल प्रांत के सेन राजघराने से था, वे अपने आप को महाभारत काल के सुप्रसिद्ध “पांडवों(Pandvas)” के भी वंशज मानते थे।
रानी ललिता कुमारी
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