The Moon

चंद्रमा-

 

(1). पृथ्वी से दूरी- 3,82,200 किलोमीटर

(2). व्यास – 3475 किलोमीटर (पृथ्वी के व्यास का लगभग 1/4 है)

(3). चंद्रमा का द्रव्यमान पृथ्वी के द्रव्यमान के अनुपात में-  1: 8.1

(4). चंद्रमा की सतह का अदृश्य भाग-  41%

(5). (अपभू दूरी) चंद्रमा की पृथ्वी से अधिकतम दूरी-  406000 किलोमीटर

THE Moon
THE Moon

(6). (उपभू दूरी) चंद्रमा की पृथ्वी से न्यूनतम दूरी- 3,64,000 किलोमीटर

(7). चंद्रमा का उच्तम पर्वत- लिबनिटज (दक्षिण ध्रुव पर स्थित )

(8). चंद्रमा का सबसे बड़ा क्रेटर-  कलेवियस और ग्रिमालड़ी (600 से अधिक की गिनती हो चुकी है)

The Moon-

  • चंद्रमा की सतह एवं आंतरिक स्थिति का अध्ययन करने वाला विज्ञान सेलेनोलॉजी कहलाता है।
  • इसको को जीवाश्म ग्रह(Fossil Fuel) भी कहा जाता है।
  • चंद्रमा पृथ्वी का एकमात्र उपग्रह है, जो पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाता है।
  • चंद्रमा पृथ्वी की परिक्रमा- 27 दिन 8 घंटे में पूरी करता है और इतने ही समय में अपने अक्ष पर घूर्णन करता है।
  • इसी कारण चंद्रमा का सदैव एक ही भाग दिखाई देता है।
  • पृथ्वी से चंद्रमा का केवल 59% भाग ही देखा जा सकता है।
  • 21 जुलाई 1969 को अपोलो 11 से पहले चंद्रमा यात्री नील आर्मस्ट्रांग ने कदम रखा था।
  • सूर्य के संदर्भ में चंद्रमा की परिक्रमा- 29.53 दिन होती है, इस समय को चंद्रमास या साइनोडिक मास कहते हैं।
  • चंद्रमा का अपना प्रकाश नहीं होता किंतु वह सूर्य के प्रकाश को परावर्तित करता है जो पृथ्वी पर 1.28 सेकण्ड में पहुंचता है।
  • चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी का 1/6 भाग है।
  • (The Moon) चंद्रमा पर मुख्यतः सिलिकॉन लोहा और मैग्नीशियम पाए जाते हैं।
  • चंद्रमा की सतह का पहला मुख्य विभाजन हल्के रंग के क्षेत्र तथा गहरे रंग के क्षेत्र के रूप में किया गया।
  • हल्के रंग का क्षेत्र चंद्रमा का उच्च भाग तथा गहरे रंग का क्षेत्र इसका निमन भाग है।

चंद्र ग्रहण-

lunar eclipse
चंद्र ग्रहण-
  • जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है, तो सूर्य की संपूर्ण रोशनी चंद्रमा पर नहीं पड़ती है इसे “चंद्र ग्रह” कहते हैं।
  • ऐसी स्थिति को सिज़गी(Syzygy) भी कहते हैं।
  • चंद्र ग्रहण हमेशा पूर्णिमा की रात्रि में ही होता है परंतु प्रत्येक पूर्णिमा को चंद्र ग्रहण नहीं होता।
  • क्योंकि चंद्रमा और पृथ्वी के कक्षा में 50 का अंतर होता है, जिसके कारण चंद्रमा कभी पृथ्वी के ऊपर से या नीचे से गुजर जाता है।
  • 1 वर्ष में अधिकतम 3 बार चंद्र ग्रहण लगता है।

ग्रहण की दर “डेजोन स्केल” द्वारा तय की जाती है।

यदि काफी अंधकार हो तो यह दर 0 होगी, ईंट जैसा लाल होगा तथा सीमा क्षेत्र भूरा होगा तो दर 3 होगी।

ताम्र लाल तथा सीमा क्षेत्र भूरा होगा तो दर 3 होगी, ताम्र लाल तथा नारंगी जैसा पीलापन लिए बाहरी सतह हो, तो दर 4 से अधिक होगी।

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